Today In Parliament, (आज समाज), नई दिल्ली: संसद में आज आम बजट पेश किया जाएगा और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण राष्ट्रपति भवन पहुंच गई हैं। वह सुबह करीब 9.45 मिनट पर अपने आवास से निकलीं और पहले वित्त मंत्रालय गईं। इसके बाद नॉर्थ ब्लॉक से संसद के लिए रवाना हुईं। उनके हाथ में उनका ट्रेडमार्क ‘बही-खाता’ था, जो लाल रंग के कपड़े में लिपटा हुआ टैब था। उसके ऊपर सुनहरे रंग का राष्ट्रीय प्रतीक बना हुआ था।
11 बजे शुरू होगा बजट भाषण
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंथा नागेश्वरन और अन्य अधिकारी वित्त मंत्री के साथ मौजूद थे। वित्त मंत्री का बजट भाषण लोकसभा में 11 बजे शुरू होगा। यह लगातार रिकॉर्ड उनका 8वां बजट है और बीते 4 वर्षों की तरह यह भी अंतरिम बजट की तरह पेपर लेस बजट होगा। बजट भाषण में सरकार की राजकोषीय नीतियों, राजस्व और व्यय प्रस्तावों, कराधान सुधारों और अन्य महत्वपूर्ण घोषणाओं की रूपरेखा होगी।
शुक्रवार को पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण
केंद्रीय बजट से एक दिन पहले शुक्रवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey ) पेश किया गया जिसमें अनुमान लगाया गया है कि अगले वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.3 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत के बीच बढ़ेगी। सर्वेक्षण में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत बनी हुई है, जिसे स्थिर बाह्य खाता, राजकोषीय समेकन और निजी खपत का समर्थन प्राप्त है।
घरेलू अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत
आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey ) में यह भी कहा गया है कि सरकार अनुसंधान और विकास (आरएंडडी), सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और पूंजीगत वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करके दीर्घकालिक औद्योगिक विकास को मजबूत करने की योजना बना रही है। इन उपायों का उद्देश्य उत्पादकता, नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना है। साथ ही कहा गया है, घरेलू अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत बनी हुई है, जिसमें मजबूत बाह्य खाता, संतुलित राजकोषीय समेकन और स्थिर निजी खपत है। इन विचारों के संतुलन पर, हम उम्मीद करते हैं कि वित्त वर्ष 26 में वृद्धि 6.3 और 6.8 प्रतिशत के बीच होगी।
चौथी तिमाही में खाद्य मुद्रास्फीति कम होने की उम्मीद
सर्वेक्षण में कहा गया है कि सब्जियों की कीमतों में मौसमी गिरावट और खरीफ की फसल के आने के कारण वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में खाद्य मुद्रास्फीति कम होने की उम्मीद है। रबी की अच्छी पैदावार से वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में खाद्य कीमतों को नियंत्रित रखने में भी मदद मिलने की उम्मीद है। हालांकि, प्रतिकूल मौसम की स्थिति और अंतरराष्ट्रीय कृषि कीमतों में बढ़ोतरी से मुद्रास्फीति के लिए जोखिम पैदा होता है।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत
सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत बना हुआ है, जो बाहरी ऋण का 90 प्रतिशत कवर करता है और दस महीने से अधिक का आयात कवर प्रदान करता है। जनवरी 2024 में भंडार 616.7 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर सितंबर 2024 में 704.9 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया, जो 3 जनवरी 2025 तक घटकर 634.6 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। पूंजी प्रवाह में स्थिरता ने भारत की बाहरी ताकत को सहारा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सर्वेक्षण में औपचारिक रोजगार क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि पर भी प्रकाश डाला गया। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) का शुद्ध अंशदान वित्त वर्ष 19 में 61 लाख से बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 131 लाख हो गया है।
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