Union Budget 2025: राष्ट्रपति से मिलीं वित्त मंत्री, बजट प्रस्तावों की रूपरेखा पर की चर्चा

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Union Budget 2025: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलीं निर्मला सीतारमण, बजट प्रस्तावों की रूपरेखा पर की चर्चा
Union Budget 2025: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलीं निर्मला सीतारमण, बजट प्रस्तावों की रूपरेखा पर की चर्चा
  • सीतारमण का रिकॉर्ड लगातार 8वां बजट

Budget Session, (आज समाज), नई दिल्ली:वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज लगातार अपना आठवां बजट पेश करने वाली हैं और इससे पहले उन्होंने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की है। इस मौके पर उनके साथ वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी भी मौजूद रहे। वित्त मंत्री को राष्ट्रपति के साथ बजट प्रस्तावों की रूपरेखा पर चर्चा करते हुए देखा गया।

राष्ट्रपति ने सीतारमण को भेंट की दही-चीनी 

राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान द्रौपदी मुर्मू ने निर्मला सीतारमण को बजट पेश करने से पहले दही-चीनी भेंट की, क्योंकि इसे शुभ माना जाता है। सौभाग्य के लिए यह पारंपरिक इशारा वित्त मंत्री द्वारा राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान किया गया।  इसके बाद वित्त मंत्री संसद भवन पहुंचीं, जहां से वह कैबिनेट बैठक के लिए रवाना होंगी। संसद में पेश किए जाने से पहले कैबिनेट द्वारा बजट को मंजूरी दी जाएगी।

अर्थव्यवस्था में इतने प्रतिशत वृद्धि का अनुमान

निर्मला सीतारमण 11 बजे लोकसभा में अपना रिकॉर्ड लगातार 8वां बजट पेश करने वाली हैं। बजट भाषण में सरकार की राजकोषीय नीतियों, राजस्व और व्यय प्रस्तावों, कराधान सुधारों और अन्य महत्वपूर्ण घोषणाओं की रूपरेखा होगी। उन्होंने केंद्रीय बजट से एक दिन पहले शुक्रवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। इसमें अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 में भारत की अर्थव्यवस्था के 6.3 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत के बीच बढ़ने का अनुमान लगाया गया है।

दीर्घकालिक औद्योगिक विकास को मजबूत करने की योजना

आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत बनी हुई है, जिसे स्थिर बाह्य खाता, राजकोषीय समेकन और निजी खपत का समर्थन प्राप्त है। इसमें कहा गया है कि सरकार अनुसंधान और विकास (आरएंडडी), सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और पूंजीगत वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करके दीर्घकालिक औद्योगिक विकास को मजबूत करने की योजना बना रही है। इन उपायों का उद्देश्य उत्पादकता, नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना है।

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