UNHRC 54th Session: जम्मू-कश्मीर में बुनियादी ढांचे व विकासात्मक प्रोजेक्ट्स पर निवेश, पीओके में निवेश न के बराबर

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UNHRC 54th Session

Aaj Samaj (आज समाज), UNHRC 54th Session, नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र जैसे मंच पर कश्मीर मुद्दे को उठाकर अक्सर अपनी फजीहत करवाने वाले पाकिस्तान को भारत की ओर से एक बार फिर जमकर लताड़ लगाई गई है। इस बार केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की ही एक महिला कार्यकर्ता ने जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के 54वें सत्र में पाकिस्तान को आईना दिखाया है।

पीओके में लोग मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित

सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता तस्लीमा अख्तर ने पड़ोसी मुल्क के प्रोपेगेंडा की पोल खोलते हुए यूएनएचआरसी के सत्र में कहा कि एक मूल निवासी होने के नाते, वह जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीआके) के विकास संबंधी अंतर को सामने लाना चाहेंगी। उन्होंने कहा, भारत सरकार जहां शांति और समृद्धि लाने के अलावा जम्मू-कश्मीर में बुनियादी ढांचे व विकासात्मक परियोजनाओं में निवेश कर रही है।

बुनियादी वित्तीय दायित्वों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा पाकिस्तान

पाकिस्तान अपने बुनियादी वित्तीय दायित्वों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है और भारत के खिलाफ प्रॉक्सी वॉर छेड़ने के लिए पड़ोसी मुल्क आतंकी संगठनों को बचा रहा है। तस्लीमा ने कहा, पीओके में बुनियादी ढांचे और सुविधाओं का भी अभाव है। वहां निवेश न के बराबर है और पाकिस्तान द्वारा इसके संसाधनों का खुलेआम दुरुपयोग किया जा रहा है। पाकिस्तान सरकार पीओके के निवासियों के बुनियादी मानवाधिकारों व सुविधाओं की घोर उपेक्षा कर रही है। वहीं जम्मू-कश्मीर की भलाई के लिए भारत सरकार द्वारा कई बदलाव किए गए हैं।

शिक्षा व साक्षरता में जेएंडके पीओके से कहीं आगे

तसलीमा ने कहा कि शिक्षा और साक्षरता दर के मामले में जम्मू-कश्मीर पीओके से काफी आगे है। भारत सरकार पाकिस्तान की तुलना में जम्मू-कश्मीर में शिक्षा क्षेत्र पर 9 गुना अधिक खर्च करती है। उन्होंने कहा, पीओके शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़े संकट का सामना कर रहा है, जिसमें इमारतों और छतों, साफ पानी, शौचालयों आदि सहित बुनियादी ढांचे की का अभाव है। गंभीर कठिनाइयों के चलते वहां छात्रों का ड्रॉपआउट अनुपात भी गंभीर हो गया है। स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। जम्मू-कश्मीर के लोग राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजनाओं के साथ दूरदराज के इलाकों में भी स्वास्थ्य लाभ उठा रहे हैं, जो पीओके के लोगों के लिए एक दूर का सपना है।

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