Unhealthy emotional attachment : कहीं आप भी तो शिकार नहीं है इसके

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Unhealthy emotional attachment

Unhealthy emotional attachment: रिश्तों की बुनियाद प्यार, अपनापन और विश्वास पर टिकी होती है। मगर कई बार इस बात का अंदाज़ा लगाना बेहद मुश्किल हो जाता है कि जिसे लोग वास्तव में प्यार समझते है, वो प्यार है या कोई डर। हेल्दी और और अनहेल्दी इमोशनल अटैचमेंट (unhealthy emotional attachment) में बेहद बारीक रेखा होती है। कई कारणों से रिलेशनशिप अनहेल्दी होने लगते हैं और भावनात्मक लगाव कम हो जाता है। इसके चलते व्यक्ति खुद को रिश्ते में बंधा हुआ और तनाव से घिरा हुआ पाता है। अपने रिश्ते को हेल्दी और तनावमुक्त बनाए रखने के लिए जरूरी है कि आप अनहेल्दी इमोशनल अटैचमेंट के संकेतों को पहचानें।

क्या है अनहेल्दी इमोशनल अटैचमेंट

अनहेल्दी इमोशनल अटैचमेंट उस स्थिति को कहते हैं, जब कोई व्यक्ति अपनी खुशियों और जीवन के हर फैसले के लिए अपने पार्टनर पर पूरी तरह से डिपैंड होने लगता है। इसमें व्यक्ति खुद को इनसिक्योर, जैलेस और डरा हुआ महसूस करने लगता है।

ऐसे रिश्ते में अधिकतर लोग अपने बॉन्ड को मज़बूत बनाने के लिए सेल्फ केयर पर ध्यान न देकर अपने पार्टनर को खुश रखने का प्रयास करते हैं। मगर वो साथ ही साथ तनाव और टेंशन का सामना करते हैं। इससे रिश्ते में टॉक्सीसिटी बढ़ने लगती है।

पार्टनर की कही बातों पर ओवरथिकिंग (over thinking) से मेंटल बर्डन का सामना करना पड़ता है। छोटी छोटी बातों के बारे में ज्यादा सोचने से रिश्तों में बिखराव आने लगता है।

1. आप ओवरथिंक करते रहते हैं

किसी भी समस्या को सुलझाने के लिए पार्टनर के साथ बैठकर डिस्कशन करने की जगह ऐसे लोग पार्टनर से किसी भी बात को करने से पहले बहुत बार सोचने लगते है। फिर बातचीत के बाद पार्टनर की कही बातों पर ओवरथिकिंग (over thinking) से मेंटल बर्डन का सामना करना पड़ता है। छोटी छोटी बातों के बारे में ज्यादा सोचने से रिश्तों में बिखराव आने लगता है।

2. पार्टनर से भी ईर्ष्या होने लगती है

अनहेल्दी रिलेशनशिप (unhealthy relationship) में लोग ईर्ष्या का सामना करने लगते है। पार्टनर से कुछ देर दूर रहने पर भी उनके मन में कई प्रकार के विचार आने लगते है। पार्टनर के प्रति अविश्वास की भावना पैदा होने लगती है। इसके चलते अपने साथ के फोन कॉल्स, मीटिंग्स और बातचीत पर पूरी नज़र बनाए रखते हैं।

3. खुद को कमजोर और असुरक्षित महसूस करती हैं

पार्टनर के नज़दीक न होने पर इनसिक्योरिटी (insecurity) महसूस होने लगती है। पार्टनर को बार- बार कॉल करना और मिलने की इच्छा ज़ाहिर करना। पार्टनर के साथ न होने पर ऐसे लोगों में कॉफिडेंस की भावना कम होने लगती है और व्यक्ति खुद को कमज़ोर महसूस करता है।

4. बात- बात पर गुस्सा आना

ऐसे अनहेल्दी रिश्ते व्यक्ति के स्वभाव में चिड़चिड़ापन बढ़ा देती है। इससे व्यक्ति अपने आप को कमज़ोर और इमोशनली वीक समझने लगता है। पार्टनर से छोटी छोटी बातों पर टकराव बढ़ जाता है, जिससे रिश्ते खराब होने लगते हैं। हर चीज़ के लिए पार्टनर पर डिपेंड हो जाना अनहेल्दी रिलेशनशिन का मुख्य कारण साबित होता है।

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