नई दिल्ली।दिल्ली हाई कोर्ट ने जेएनयू प्रशासन को आंदोलनकारी छात्रों के साथ बातचीत करने के लिए आज शाम तक का वक्त दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने श्रछन् के कुलपति, रजिस्ट्रार और अन्य अधिकारियों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए पुलिस को निर्देश दिया है। ताकि गुरुवार से विश्व विद्यालय में काम काज सुचारू रूप से शुरू हो सके।
कोर्ट ने जेएनयू प्रशासन से छात्रों से बातचीत कर सभी मुद्दों को सुलझाने को कहा है। कोर्ट ने यह आदेश कई दिनों से छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए दिया है। बता दें कि जेएनयू के छात्र हॉस्टल फीस बढ़ोतरी के खिलाफ लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मामले में मानव संसाधन विकास मंत्री के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल से छात्रों की मुलाकात भी हो चुकी है। लेकिन छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती जब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। इस बीच अभी हाल में ही जेएनयू ने छात्रवास के शुल्कों को तीसरी बार घटाया। प्रशासन ने उपयोगिता शुल्कों को दोबारा कम किया। जेएनयू द्वारा गठित की गई उच्चस्तरीय समिति में यह फैसला लिया गया। इसके अनुसार, गरीब छात्रों को उपयोगिता शुल्क अब 500 रुपये प्रति महीने देना होगा, इससे पहले जितना बिल आएगा उसका 50 फीसद तक देने के लिए कहा गया था। साथ ही अन्य छात्रों को भी उपयोगिता शुल्क जितना आएगा उतना देने के लिए कहा गया था। लेकिन अब इनसे सिर्फ एक हजार रुपये प्रति महीने लिया जाएगा। इससे पहले 28 अक्टूबर को नए शुल्क के बारे में जानकारी दी गई थी। इसके बाद छात्रों के विरोध के बाद 13 नवंबर को फिर से शुल्क बदला गया। हॉस्टल फीस बढ़ोतरी का मामला संसद में भी उठ चुका है। जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार चाहती है कि फीस से संबंधित मामला जेएनयू प्रशासन अपने स्तर पर सुलझाए। विश्वविद्लाय के कुलपति भी छात्रों से प्रदर्शन खत्म करने की अपील कर चुके हैं।