संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कश्मीर में हिज्बुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन तथा भारत के अन्य हिस्सों में नक्सली विद्रोही बच्चों की भर्तियां कर रहे हैं। महासचिव ने इस तरह की भर्तियों पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार से मांग की कि वह दोषियों को न्याय के कठघरे में लाए। मंगलवार को ‘बच्चों और सशस्त्र संघर्ष’ पर महासचिव की वार्षिक रिपोर्ट जारी की गई। इसमें कहा गया है कि सशस्त्र समूहों और सरकार के बीच होने वाली हिंसा से बच्चे अब भी प्रभावित हैं, ”खास तौर पर जम्मू-कश्मीर में और नक्सली विद्रोह के संदर्भ में। उन्होंने बच्चों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार के कदमों का स्वागत किया।
गुतारेस ने कहा कि वह बच्चों के खिलाफ हिंसा को खत्म करने और रोकने के लिए सरकार को प्रोत्साहित करते हैं कि वह दोषियों को न्याय के कठघरे में लाए। रिपोर्ट में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र को कश्मीर में बच्चों की भर्ती और उनके इस्तेमाल की खबर मिली है। इसमें कहा गया है, ”पांच बच्चों जिनमें से कुछ की उम्र 14 साल है, को आतंकी संगठनों ने भर्ती किया है। इनमें हिज्बुल मुजाहिदीन ने दो और अंसार गजवात-उल-हिंद ने एक बच्चे को भर्ती किया है। दो बच्चों को लश्कर ए तैयबा ने भर्ती किया है।”रिपोर्ट में कहा गया है कि नक्सलियों द्वारा भी बच्चों की भर्ती जारी है। इस रिपोर्ट में कठुआ जिले में आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या का भी जिक्र है।