आज समाज डिजिटल, (Umesh Pal Kidnapping Case Update): उमेश पाल अपहरण मामले में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया अतीक अहमद समेत तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। वहीं उसके भाई अशरफ समेत सात लोग इस मामले में बरी हो गए हैं। उमेश पाल अपहरण 17 वर्ष पुराना केस है और इसके अभियुक्तों को आज दोषी करार देने के बाद सजा का ऐलान किया गया। मामले में कुल 11 आरोपी थे, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है।
- 2005 के विधायक राजू पाल हत्याकांड में गवाह थे उमेश पाल
- उमेश की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में हत्या हुई थी
उमेश पाल के परिवार ने की है फांसी की मांग
उमेश पाल के परिवार ने कोर्ट से माफिया अतीक के खिलाफ मृत्युदंड की मांग की है। उमेश की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में हत्या हो गई थी। बता दें कि 25 जनवरी 2005 को प्रयागराज जिले के सुलेमसराय में तत्कालीन विधायक राजू पाल की हत्या की गई थी और इस उमेश पाल मुख्य गवाहों में से एक थे। अतीक ने अपने लोगों से कई बार उमेश को धमकाया कि वह राजू पाल हत्याकांड की गवाही से हट जाए नहीं तो मार दिया जाएगा।
28 फरवरी 2006 को राजू पाल को अगवा किया था
अतीक ने 28 फरवरी 2006 को राजू पाल का अपहरण कर अपने पक्ष में एफिडेविट लिखवा लिया था। करबला स्थित कार्यालय में ले जाकर अतीक ने राजू पाल की रात भर पिटाई की थी। इसके बाद 2007 में अतीक और अशरफ समेत 10 के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। सुनवाई पूरी होने के बाद इसी मामले में आज सजा का ऐलान किया गया। इसी मुकदमे में पैरवी कर 24 फरवरी 2023 को उमेश घर लौट रहे थे, तभी उनकी हत्या कर दी गई।
ये दोषी करार, दो के खिलाफ गैर जमानती वारंट
अदालत ने मामले में अतीक अहमद, अशरफ अहमद, दिनेश पासी, जावेद, इसरार, फरहान, खान सौलत हनीफ, आबिद प्रधान, आशिक उर्फ मल्ली और एजाज अख्तर को दोषी करार दिया है। इनमें से अशिफ उर्फ मल्ली और एजाज अख्तर कोर्ट रूप में मौजूद नहीं थे इसलिए उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है।
वकीलों ने लगाए फांसी दो फांसी के नारे
नैनी सेंट्रल जेल से अतीक को बंद वैन में कोर्ट लाया गया था। इसमें सीसीटीवी और पर्दे लगे थे। कोर्ट जेल से दस किलोमीटर दूर है और 28 मिनट में अतीक को कोर्ट पहुंचाया गया। जब अतीक को कोर्ट ले जाया गया तो परिसर में वकीलों ने फांसी दो के नारे लगाए। अतीक को सोमवार शाम को अहमदाबाद की साबरमती जेल से और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था। दोनों को नैनी सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है।
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