Ukraine Crisis Indian Students News यूक्रेन में पढ़ाई के लिए गए दो युवा लौटे, बताई वहां की स्थिति
इशिका ठाकुर, करनाल
Ukraine Crisis Indian Students News : करनाल के काफी युवा यूक्रेन में पढ़ाई के लिए गए हुए हैं। इनमें से वतन लौटे दो युवाओं ने वहां की स्थिति की जानकारी दी। साथ ही एंबेंसी पर सवाल भी उठाए। जब वो वहां से निकले तो हालात तनावपूर्ण थे। जो अब पूरी तरह से खराब हो चुके हैं। उनके काफी सहयोगी वहां पर अभी भी फंसे हुए हैं। ऐसे में भारत सरकार से उन्हें वापस लाने की गुहार की जा रही है।
उदित ने बताया कि यूक्रेन में तीसरे सेमेस्टर का छात्र था। वहां पर अब स्थिति काफी खराब हो चुकी है। हमारे सहपाठी वहां पर फंसे हुए हैं। यूक्रेन में 50 हजार के करीब छात्र वहां पर भारत से पढ़ने गए हुए हैं। कुछ बिजनेसमैन भी वहां फंसे है। अभी हमने जितने भी दोस्तों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि यूक्रेन से कोई भी फलाइट नहीं आ रही है। पहले कोविड आ गया और अब हालात खराब होने से काफी दिक्कत हो रही है।
स्थिति को देखकर परिजन डर गए
मानव ने बताया कि मैं दो दिन पहले ही वतन लौटा हूं।(Ukraine Crisis Indian Students News) मैं यूक्रेन की राजधानी में था। स्थिति को देखकर परिजन डर गए थे। दो-तीन दिन पहले ही हमें बुला लिया। वहां पर बहुत ही पैनिक क्रेट हो गया। आज सुबह के समय काफी धमाके हुए। आज कुछ दोस्तों की फलाइट थी। ब्लास्ट के कारण वो भारत वापस नहीं आ सके। यूनास्टिक और लोंगान ज्यादा दिक्कत भरा है। वहां पर लोग रसिया को स्पॉट करने वाले है। खारकी भी रसिया के नजदीक है। वहां पर भी रसियन मिल्ट्री वहां पर पहुंच चुकी है। भारतीय सरकार रुस की बहुत खास है। उसके चलते किसी ने कोई सूचना नहीं दी। जब उन्होंने एंबेसी से पूछा तो जवाब मिलता था आराम से बैठे रहो। स्थिति ठीक है। दो-तीन दिन पहले ही एडवाइजरी जारी की। पूरे इंडिया से लोग वहां पर फंसे हुए हैं।
न्यूज सुनते थे तो आंखों से आंसू आ जाते थे
कश्मीरी लाल ने बताया कि मेरा सरकार से अपील है कि उस सरकार से बात करके अपने बच्चों को वापस बुलाया जाए। एक साथ वापस जाने की एडवाइजरी जारी कर दी। (Ukraine Crisis Indian Students News) रेट को तीन गुणा तक बढ़ा दिया है। कैसे भी करके बच्चों को वापस बुलाया जाए। जब टीवी पर न्यूज सुनते थे तो आंखों से आंसू आ जाते थे। इसके बाद बेटे मानव को कहा, बेटे वापस आ जा। जान है तो जहान है। पढ़ाई बाधित हो गई।
निखिल ने बताया कि उदित मेरा छोटा भाई है। पहले हमें ये था कि चला समझौता हो जाएगा। लगातार संपर्क के लोगों के फोन आ रहे थे। हम भी उदित से लगातार फोन पर संपर्क बनाए हुए थे। रात को 2 बजे ही टिकट बुक करवाई और यहां पर बुला लिया। भारत सरकार से गुहार है कि वहां पर फंसे बच्चों को जल्द निकाला जाए।
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