सुजीव कुमार, रोहतक :
औघड़ पीर बाबा सूरतनाथ मठ अस्थल बोहर मामले में हरियाणा युवा एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र बागड़ी के नेतृत्व में राष्ट्रपति, राज्यपाल व उपायुक्त के नाम ज्ञापन सौंपने पहुंचे कार्यकत्र्ताओं को डीसी ने मिलने से मना कर दिया और साफ तौर पर ज्ञापन लेने से भी मना कर दिया। जिस पर काफी कार्यकत्र्ता वहीं नारे लगाने लगे। इस मामले में महेन्द्र बागड़ी ने कहा कि आज की घटना से यह साफ हो गया है कि प्रशासन दबाव में काम कर रहा है। इस मामले में अस्थल बोहर मठ के महंत बाबा बालकनाथ यादव का सीधा-सीधा दखल है। जिस वजह से प्रशासनिक अधिकारी उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहे तथा जब हम इस मामले की ऊपर शिकायत करने जाते हैं तो हमें रोका जा रहा है। जिससे किसी बड़े षड्यंत्र की बू आ रही है।
महेन्द्र बागड़ी ने कहा कि बाबा बालकनाथ ने अस्थल बोहर मठ के अन्दर दलित साधु-संतों की 250 वर्ष पुरानी समाधियां 4 मई, 2020 को लॉकडाऊन की आड़ में तोड़ी गई थी। जिसमें एससी/एसटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज होना चाहिये था। बाबा बालक नाथ के दबंग लोगों ने औघड़ पीर मठ पर हमला कर साधु-संतों के साथ गाली-गलौच, मारपीट कर मठ पर कब्जा कर लिया। इस मामले में सीसीटीवी फुटेज प्रशासन को देने के बावजूद भी कार्यवाही न करना मामले को संदिग्ध बना रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में दोषी बाबा बालकनाथ यादव समुदाय से हैं, वहीं कमिश्नर रोहतक भी यादव, डीसी भी यादव और जज भी यादव जाति से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में दलित समाज को न्याय न मिलना प्रजातंत्र पर हमला करने के समान है। इससे यह साफ जाहिर हो रहा है कि ऊंची जाति के लोग दलितों व पिछड़ी जाति के लोगों का शोषण कर रहे हैं। कई जगहों पर दलितों पर हमले हो रहे हैं और पुलिस उनकी शिकायत तक दर्ज नहीं कर रही। जबकि सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश हैं कि अगर एससी/एसटी एक्ट के तहत शिकायत आने पर तुरन्त मामला दर्ज होना चाहिये व कार्यवाही होनी चाहिये।
महेन्द्र बागड़ी ने कहा कि सरकार व प्रशासन को सबूत सौंपे डेढ़ वर्ष से ऊपर का समय हो गया है, लेकिन आज तक इस मामले में पुलिस-प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं हुई है। जिससे दलित व पिछड़े समाज में गहरा रोष है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही उनकी शिकायतों पर कार्यवाही करते हुए प्रशासन मठ पर कब्जा हटवाकर महंत रमेश नाथ को दिलवाये तथा बाबा बालकनाथ व अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं होता है तो समस्त दलित पिछड़ा वर्ग सडकों पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होगा। जिसकी जिम्मेदारी हरियाणा सरकार व रोहतक प्रशासन की होगी।
बाद में कार्यकत्र्ताओं ने राष्ट्रपति, राज्यपाल व उपायुक्त रोहतक को डाक द्वारा ज्ञापन प्रेषित किया गया। प्रदर्शन में महासचिव लक्की पांचाल, एडवोकेट धर्मवीर कलसन, एडवोकेट सुनील शर्मा, नरेन्द्र नम्बरदार, पंकज कपूर, मनीषा बोहत, नवीन मेहरा, सुनील अम्बेडकर, गीता गोयल, अनिल गोयल, सन्दीप, सोमबीर सिंगला किलोई, सौरभ अहलावत, दीपक शर्मा, अभिषेक सोलंकी, राहुल सैनी, अमन गुलाटी, समीर कपूर, अनुज, शिवम, रेखा आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।
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