UGC Policy, (आज समाज), नई दिल्ली: कॉलेज द्वारा समय रहते अगर किसी छात्र की फीस नहीं लौटाई गई, तो उस कॉलेज की मान्यता तक रद हो सकती है। अभिभावकों और छात्रों की शिकायतों के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने फीस रिफंड को लेकर नई पॉलिसी बनाई है। फीस रिफंड पॉलिसी 2024 को पहले की पॉलिसी के मुकाबले काफी सख्त बनाया गया है और इसके अनुसार टाइम से फीस न लौटाने पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। इसके साथ ही नई नीति के तहत उस कॉलेज का अनुदान रोकने से लेकर डिफॉल्टर लिस्ट में डालने तक का प्रावधान तक रखा गया है।
केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ने जारी किया नोटिस
केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय में सचिव मनीष जोशी द्वारा जारी नोटिस में उन नियमों और कायदे कानून का हवाला दिया गया है, जिसके तहत फीस नहीं लौटाने की स्थिति में कॉलेज की मान्यता रद करने का जिक्र है। ये नियम मेडिकल व इंजीनियरिंग समेत अन्य कॉलेजों पर भी लागू होगा।
सख्त फ्रेंम वर्क तैयार
यूजीसी ने कॉलेज प्रशासन पर फीस न लौटाने की स्थिति में सख्त फ्रेंम वर्क तैयार किया है। इसमें आॅनलाइन और ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग पाठ्यक्रमों की पढ़ाई करवाने की मंजूरी वापस लेने व स्वायत्त संस्थान का दर्जा वापस लेने से लेकर उनका नाम डिफाल्टर सूची में डालकर सार्वजनिक करने तक का प्रावधान है। शिक्षा मंत्रालय के नोटिस के मुताबिक इसके लिए छात्र या अभिभावकों को भी नियमो के दायरे में आवेदन करना होगा।
समय रहते करना होगा आवेदन
फीस वापसी के लिए एक निश्चित समय सीमा होती है। ऐसे में इस समय सीमा के भीतर ही छात्र अथवा अभिभावक को आवेदन करना होगा, ताकि समय रहते उनकी रकम की वापसी हो सके।
दाखिले के एक माह बाद वापस नहीं होगी फीस
नोटिस में कहा गया है कि दाखिला प्रवेश की अंतिम तिथि अधिसूचित होने से 15 दिन या इससे पहले सीट छोड़ने पर 100 फीसदी फीस वापस होगी। साथ ही दाखिला प्रवेश की अंतिम तिथि अधिसूचित होने से 15 दिन से कम पर 90 फीसदी फीस वापस होगी। दाखिला प्रवेश की अंतिम तिथि अधिसूचित होने के बाद के 15 दिन पर 80 फीसदी वापस होगी। 15 से 30 दिन के बीच में 50 फीसदी वापस मिलेगी। दाखिले के एक महीने या 30 दिन बीतने के बाद कोई फीस वापस नहीं होगी।
छात्रों व अभिभावकों से ये मिली थी शिकायत
यूजीसी को कई छात्रों व अभिभावकों से इस बात कि शिकायत मिली थी कि एजेकुशन सिस्टम में कई बार ऐसा पाया गया है कि खास कारणों में यदि कोई छात्र संस्थान से अपना नाम वापस ले लेता है, तो उसे नियमों के दायरे के मुताबिक कॉलेज से फीस वापस नहीं हो रही है। ऐसे शिकायतकर्ता छात्रों और अभिभावकों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही थी।