मुंबई। भले ही उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे के बीच मतभेद रहे हैं। राज ठाकरे ने शिव सेना से अलग होकर मनसे का निर्माण किया था। लेकिन जब प्रर्वतन निदेशालय ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे को नोटिस जारी किया तब उद्धव ठाकरे ने उनका समर्थन किया। उद्धव ने कहा कि जांच में कुछ नहीं मिलने वाला है। जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा आईएल एंड एफएस भुगतान डिफॉल्ट संकट मामले के संबंध में समन जारी किए जाने के बारे में पूछा गया तो शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि जांच में कुछ भी सामने नहीं आएगा। बता दें सूत्रों का कहना है कि राज ठाकरे को प्रर्वतन निदेशालय की ओर नोटिस राजनीति से प्रेरित है। हाल ही में कुछ दिन पहले मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने सोनिया गांधी और ममता बनर्जी जैसी विपक्षी नेताओं से मुलाकात की थी। वह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की जगह मत पत्रों (बैलेट पेपर) से चुनाव कराने की मांग कर रहे थे। ईडी ने ‘आईएल एंड एफएस घोटाले से जुड़ी जांच के सिलसिले में ठाकरे को तलब किया है। अधिकारियों ने बताया कि ठाकरे को 22 अगस्त को एजेंसी के मुंबई स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में मामले के जांच अधिकारी (आईओ) के समक्ष 22 अगस्त को पेश होने को कहा गया है।