नए सिरे से होगा संगठन का निर्माण
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस हाईकमान सख्त कदम उठाने के मूड में है। क्योंकि चुनाव में आपसी गुटबाजी के कारण पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। हार के बाद भी पार्टी में गुटबाजी कम नहीं हो रही। हार की ठीकरा एक दूसरे पर फोड़ा जा रहा है। कोई भी नेता हार की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं है। अब कांग्रेस हाईकमान ने ही इस मामले में कड़ा रूख अपना लिया है। कहा जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस में बड़े स्तर पर बदलाव होगा। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष पद से उदयभान की छुट्टी तय मानी जा रही है। वहीं हरियाणा प्रभारी जोकि खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर पद छोड़ने की पेशकश कर चुके है। उनकी जगह किसी ओर को हरियाणा का प्रभारी लगाया जाएगा। यहीं नहीं ब्लॉक व जिला स्तर पर कार्यकर्ताओं की फौज खड़ी की जाएगी। मेहनती व ईमानदार कार्यकर्ताओं को संगठन में शामिल किया जाएगा। जो सिर्फ पार्टी की मजबूती के लिए कार्य करें। ताकि आने वाले चुनावों में पार्टी मजबूती से चुनाव लड़ सके। पद संभालने के बाद नए सह प्रभारी जितेंद्र बघेल ने इस पर काम शुरू कर दिया है। सबसे पहले जिलाध्यक्षों की नियुक्ति संगठन कर सकता है। इसके बाद दूसरे स्तर पर नियुक्तियां होंगी। वहीं, गुटबाजी पर लगाम कसने के लिए हाईकमान ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद कुमारी सैलजा को सख्त मैसेज दिया है। इन्हें कहा गया है कि मीडिया में एक-दूसरे के खिलाफ कोई बयानबाजी न करें।
दस साल से नहीं बना संगठन, उदयभान ने बाबरिया को ठहराया जिम्मेदार
नेताओं की आपसी गुटबाजी के कारण ही पिछले दस साल हरियाणा में कांग्रेस संगठन का निर्माण नहीं कर पाई है। गत दिवस चंडीगढ़ में उदयभान कहा है कि राज्य में कांग्रेस का संगठन न बन पाने और विधानसभा में हार के लिए पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया जिम्मेदार हैं। उदयभान ने कहा कि हमने कई बार पार्टी पदाधिकारियों की सूचियां प्रभारी को सौंपी, लेकिन वह इन्हें कांग्रेस हाईकमान के पास भेजने के बजाय स्वयं दबाए बैठे रहे। राहुल गांधी के सामने 7 अगस्त 2023 को हुई मीटिंग में बाबरिया ने वादा किया था कि 10 सितंबर 2023 तक संगठन बना दिया जाएगा, लेकिन फिर भी वह संगठन तैयार नहीं करवा सके।
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