आज समाज डिजिटल, उदयपुर:
पिछले 22 सालों से 2151 दिव्यांग एवं निर्धन जोड़ों की गृहस्थी बसाने वाला नारायण सेवा संस्थान का दो दिवसीय 38वां नि:शुल्क दिव्यांग और निर्धन सामूहिक विवाह रविवार को सेवा महातीर्थ में गणेश वंदना और विभिन्न वैवाहिक रस्मों के साथ शुरू हुआ।
पीले परिधानों में सजे थे वर और वधू
संस्थान अध्यक्ष प्रशान्त अग्रवाल ने बताया कि देश के विभिन्न राज्यों से आये हुए 1200 से अधिक अतिथियों की उपस्थिति में हल्दी की रस्म हुई। विवाह सूत्र में बंधने वाले युवक-युवतियां पीले परिधानों में सजे-धजे थे वहीं विवाह गीतों की धुनों के बीच परिजनों एवं कन्यादानियों ने दुल्हा-दुल्हनों को हल्दी का उबटन लगाकर हल्दी रस्म निभाई। इसके बाद मेहंदी रस्म अदायगी में अतिथियों ने नृत्य डांस किया तथा संस्थान सहसंस्थापिका कमला देवी अग्रवाल एवं निदेशक वंदना अग्रवाल ने जोड़ों को पंक्तिबद्ध बैठाकर हाथों और पांवों में मेहंदी लगाई।
खुशी और आनंद का उमड़ा सैलाब
खुशी और आनन्द का सैलाब ऐसा था कि पधारें हुए अतिथियों की दो टीमें बनाकर विवाह गीतों की अन्ताक्षरी हुई। संस्थापक चैयरमेन पद्मश्री कैलाश मानव के सानिध्य में अतिथि सत्कार समारोह हुआ जिसमें अतिथियों का मेवाड़ी परम्परा से अभिनन्दन किया गया। शहर के प्रमुख समाज सेवी हरिश राजानी, कमल पाहुजा एवं श्रद्धा गट्टानी ने परिणय सूत्र में बांधने वाले जोड़ों को अग्रीम आशीष दिया।
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