प्रवीन दतौड़, सांपला :
गांव रोहद में दो दिवसीय आर्य प्रशिक्षण शिविर शनिवार शुरू हो गया । शिविर का आयोजन राष्ट्रीय आर्य निर्मात्री सभा द्वारा किया गया । मुख्यातिथि के तौर आचार्य अशोक पाल ने शिरक्त किया । उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए पाल ने कहा कि जिस प्रकार 1857 की क्रांति के नायक रहे पंडित रामप्रसाद बिस्मिला, चंद्रशेखर आजाद, नेता जी सुभाष चंद्र बोस, रहबरे आजम दिनबंधु चौधरी छोटूराम उसी प्रकार अब देश के युवाओं को जाग्रत कर देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत करना होगा । वर्तमान शिक्षा प्रणाली पर कटाक्ष करते हुए उन्होने कहा कि यह शिक्षा हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत से दूर करने का काम कर रही है। पहले हमारी शिक्षा वेद के माध्यम से गुरूकुलों में होती थी । लेकिन आधूनिकरण के चलते गुरूकुल शिक्षा प्रणाली विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई। इस हमें एक बार फिर विश्वसिरमोर बनाने की दिशा में काम करना होगा। इस अवसर पर पंडित अमित भारद्वाज गढ़ी, प्रदीप शास्त्रीभ्खरहर, आर्य रोशनलाल, आर्य हरिओम, प्रवीन तहलान, विरेंद्र पहलवान छारा, आर्य बलजीत,आर्य सुशील पहवान, समुंद्र आर्य, सुनील आर्य, कुलदीप आर्य, बलजीत कबलाना सहित अन्य उपस्थित रहे ।
वैदिक शिक्षा का बढ़ावा देने के लिए गांव रोहद निवासी रोशनलाल आर्य ने बीस मरले जगह राष्ट्रीय आर्य सभा को दान दी। रोशनलाल ने बताया कि आधूनिक शिक्षा प्रणाली से हमारी सांस्कृतिक विरासत को लगातार नुकसान हो रहा है। हमारी आने वाली व वर्तमान पीढ़ी अपनी सांस्कृतिक धरोहरों से विमुख हो रही हैं। समाज में आए दिन रिस्ते नाते तार तार हो रहे है। कंप्युटर व मोबाइल पर युवा ज्यादा समय गुजार रहे हैं। जबकि वृद्व अपनी जिंदगी तन्हाईयों में गुजारने पर मजबूर हो रहे है। लेकिन वैदिक शिक्षा हमे अपनों से जोडने का काम करती है।