- तबाही पर भावुक हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
- भारत सहित मदद को बढ़े कई देशों के हाथ
आज समाज डिजिटल, अंकारा(Turkey Syria Earthquake Update): तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के बाद मलबे के नीचे से आज भी लाशों के मिलने का सिलसिला लगातार जारी रहा। सोमवार सुबह करीब चार बजे आए इस जलजले से अब तक 5000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 10 हजार से ज्यादा लोग घायल हैं। तुर्की के तुर्किये शहर में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। उसके बाद सबसे ज्यादा लोगों की मौत व नुकसान सीरिया में हुआ है। सबसे ज्यादा प्रभावित तुर्किये व अन्य इलाकों की मदद के लिए भारत सहित कई देश आगे बढ़े हैं।
हालात पर भावुक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हालात पर गहरी चिंता व्यक्त की है। विनाश के मंजर को देखकर उन्हें भुज में 2001 में आए विनाशकारी भूकंप से हुए नुकसान की याद आ गई और इस दौरान वह भावुक हो गए। दरअसल मोदी भाजपा संसदीय दल की बैठक में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, इस समय तुर्किये जिस हालात से गुजर रहा है, उसे मैं समझ सकता हूं। पीएम मोदी ने कहा, 2001 में भुज में जब भूकंप आया था, तब मैं मुख्यमंत्री था और मुझे पता है कि ऐसी आपदा में बचाव के काम में क्या दिक्कतें आती हैं। भुज में भूकंप में 2001 में 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और 68 हजार से ज्यादा घायल हो गए थे।
राहत सामग्री के साथ तुर्की पहुंचा वायुसेना का सी-17 विमान-2, एनडीआरएफ
भारत की तरफ से वायुसेना का सी-17 विमान-2 एनडीआरएफ टीमों, डॉक्टरों और राहत सामग्री के साथ भूकंप प्रभावित देशों में पहुंच गया है। मदद के लिए तुर्किये ने भारत को धन्यवाद कहा है। भारत में तुर्किये के राजदूत फिरात सुनेल ने ट्विटर पर लिखा, मदद के लिए बहुत धन्यवाद। एनडीआरएफ के निदेशक जनरल अतुल करवाल ने कहा, तुर्किये में भूकंप आते ही भारत सरकार ने हर संभव मदद पहुंचाने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ को वहां दो टीमें भेजने को कहा गया था।
दो टीमों में पांच महिला कर्मियों, चार खोजी कुत्ते समेत 101 सदस्य
दो टीमों में पांच महिला कर्मी, चार खोजी कुत्ते समेत 101 सदस्य हैं। टीमें मंगलवार सुबह वहां पहुंची। करवाल ने कहा, हम तुर्किये में भारतीय दूतावास के साथ लगातार संपर्क में हैं। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों के साथ रहने के लिए अंग्रेजी बोलने की क्षमता वाले एक संपर्क अधिकारी को तैनात किया है। स्थानीय अधिकारियों को तय करना है कि वे हमें कहां तैनात करेंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि तुर्किये में खोज और बचाव के प्रयासों में सहायता के लिए आपदा राहत सामग्री और बचाव दल को लेकर भारतीय वायु सेना का पहला विमान आज भूकंप प्रभावित देश पहुंचा है।
बारिश व बर्फबारी के चलते बचाव का काम प्रभावित
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि बर्फबारी और बारिश के कारण भूकंप से प्रभावित दोनों ही देशों में बचाव का काम प्रभावित हो रहा है। इमरजेंसी सर्विसेज की टीमों को रेस्क्यू में काफी दिक्कत हो रही है। तुर्किये के हताय प्रांत में एक आदमी ने रोते हुए मीडिया से कहा, इमारतों के ढेर में दबे लोग जान बचाने के लिए चीख रहे हैं। भूख, चोट और कड़ाके की ठंड से परेशान हैं।
तीन फरवरी को की गई थी भविष्यवाणी
सोलर सिस्टम ज्योमेट्री सर्वे (एसएसजीओईएस) संस्था के शोधकर्ता फ्रैंक हूगरबीट्स ने तीन फरवरी को ट्वीट किया था कि मध्य तुर्किये, जॉर्डन और सीरिया में जल्द ही 7.5 तीव्रता का भूकंप आएगा। उन्होंने भूकंप आने से तीन-चार दिन पहले ही अनुमान लगाया था, जो अब वायरल हो रहा है। हालांकि, कई लोगों ने इस दावे को खारिज किया। उनका कहना है कि हूगरबीट्स का अनुमान वैज्ञानिक प्रमाणों द्वारा समर्थित नहीं था।
भारतीय उपमहाद्वीप का करीब 59 फीसदी हिस्सा जद में
भारत के कम से कम 38 शहर उच्च जोखिम वाले भूकंपीय क्षेत्रों में आते हैं। भारत सरकार के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, इस सूची में उत्तर-पूर्वी भारतीय क्षेत्र, कच्छ का रण, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, जम्मू-कश्मीर, पश्चिमी और मध्य हिमालय, उत्तर और मध्य बिहार सहित कई शहर शामिल हैं। प्राधिकरण का कहना है कि इस तरह भारतीय उपमहाद्वीप का लगभग 59 फीसदी हिस्सा भूकंप की चपेट में है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार पिछले साल यानी 2022 में भारत में छोटे-बड़े 900 से ज्यादा बार भूकंप आए।
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