वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशवासपात्र रोजर स्टोन को संसदीय जांच में बाधा डालने के आरोप में अदालत ने 40 महिने की सजा सुनाई है। जज एमी बर्मन जैक्सन द्वारा सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से स्टोन की सजा को अनुचित ठहराया। जज एमी बर्मन जैक्सन ने फैसला सुनाते वक्त कहा कि सच्चाई अब भी जिंदा है और इसका महत्व हमेशा रहेगा। स्टोन ने खुद को बचाने के लिए झूठ बोला। उनकी वजह से हमारे मौलिक संस्थानों को खतरा पहुंचा है। जज ने कहा कि स्टोन को फिलहाल जेल नहीं भेजा जाएगा। उनके पास ऊपरी अदालत में अपील का कानूनी अधिकार है। स्टोन अमेरिकी राष्ट्रपति के छठवें सहयोगी हैं जिन पर सत्ता के दुरुपयोग के आरोप लगे हैं। हालांकि, सीनेट ने उन्हें महाभियोग प्रस्ताव से बरी कर दिया है। स्टोन को नवंबर में सजा के सभी सात मामलों में दोषी ठहराया गया था, जिसमें उन पर अमेरिकी कांग्रेस से झूठ बोलने, एक गवाह के साथ छेड़छाड़ करने और सदन की जांच में बाधा डालने का आरोप लगाया गया था।