नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने तीन तलाक बिल लोकसभा में पास करने के बाद राज्यसभा में प्रस्तुत किया। इस बिल को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा के पटल पर रखा। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में ट्रिपल तालक बिल पेश करते हुए कहा कि यह लैंगिक न्याय, गरिमा और समानता का मामला है। उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति से इस कानून को न देखें। उन्होंने कहा कि इसे राजनीति के चश्मे से न देखें।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि ट्रिपल तालाक बिल आज दोपहर 12 बजे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। आज हमारे पास 11 विधेयक लंबित हैं। अब तक लोकसभा और राज्यसभा दोनों में 15 विधेयक पारित किए जा चुके हैं। 6 बिल केवल लोकसभा में और 4 बिल केवल राज्यसभा में पारित किए गए हैं।
बीजेपी और कांग्रेस ने इसके लिए व्हिप जारी कर अपने सभी सांसदों को सदन में मौजूद रहने का निर्देश दिया है। लोकसभा पहले ही इस विधेयक को मंजूरी दे चुकी है। यह विधेयक पिछली लोकसभा में भी पारित हुआ था पर राज्यसभा ने इसे लौटा दिया था। सरकार कुछ बदलावों के साथ यह बिल दोबारा लेकर आई है। बीजेडी ने तीन तलाक को लेकर कहा है कि पार्टी राज्यसभा में बिल का समर्थन करने जा रही है।
वहीं, लोकसभा में कांग्रेस ने मंगलवार को उन्नाव कांड का मुद्दा उठाया। कांग्रेस ने गृह मंत्री से सदन में जवाब की मांग की है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उन्नाव कांड की वजह से देश की जनता शर्म महसूस कर रही है। यह सभ्य समाज पर एक धब्बा है, जहां एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया।
सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाना वाला प्रस्ताव 100/84 से गिर गया। यानी बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने के पक्ष में जहां 84 लोगों ने वोट किया, वहीं 100 लोगों ने इसके विरोध में वोट किया। डिविजन के जरिये वोटिंग पर तीन तलाक बिल के पक्ष में जहां 99 वोट पड़े हैं, वहीं विपक्ष में 84 वोट पड़े। अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद तीन तलाक बिल कानून की शक्ल लेगा।