नयी दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस ने पूर्व अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल इंदिरा जयसिंह और उनके पति आनंद ग्रोवर के यहां मारे गए छापों को बृहस्पतिवार को प्रतिशोध में की गई कार्रवाई बताया। साथ ही, पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार विरोध की आवाज को दबा रही है। दरअसल, सीबीआई ने जयसिंह के आवास पर और ग्रोवर द्वारा संचालित एनजीओ ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ के कार्यालयों पर छापा मारा है। ग्रोवर पर विदेशों से धन प्राप्त करने में विदेश चंदा(नियमन) अधिनियम (एफसीआरए) का कथित उल्लंघन करने को लेकर मामला दर्ज है। अधिकारियों ने बताया कि जयसिंह के निजामुद्दीन स्थित आवास और कार्यालय में, जंगपुरा स्थित एनजीओ के कार्यालय और मुंबई में एक कार्यालय में सुबह पांच बजे से तलाशी ली जा रही है। तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया, ‘‘इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर के आवास पर सीबीआई का छापा प्रतिशोध का एक और उदाहरण है। सरकार नागरिकों को सता रही है और विरोध की आवाज को दबा रही है। यह एक सुपर इमरजेंसी की स्थिति है।’’ सीबीआई ने ग्रोवर और एनजीओ के खिलाफ गृह मंत्रालय की एक शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें एनजीओ द्वारा विदेशी सहायता प्राप्त करने और उसके इस्तेमाल में कई अनियमितता बरतने का आरोप लगाया गया है। प्राथमिकी में बतौर आरोपी जयसिंह नामजद नहीं हैं लेकिन उनकी कथित भूमिका का जिक्र मंत्रालय की शिकायत में किया गया है।