भारत की धरती के युग प्रवर्तक रहे त्रिकालदर्शी भगवान वाल्मीकि : आजाद सिंह

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Trikaldarshi Lord Valmiki
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प्रवीण वालिया, करनाल :
हरियाणा राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के निर्वतमान सदस्य आजाद सिंह ने कहा कि त्रिकालदर्शी भगवान वाल्मीकि भारत की धरती के लोगों के युग प्रवर्तक रहे है।

भगवान वाल्मीकि प्रगट दिवस

दुनिया का सबसे पहला महाकाव्य श्री रामायण की रचना भगवान वाल्मीकि ने की है। भारत के सबसे बड़े ग्रंथ श्री रामायण ने अपने सार के माध्यम से बड़ा एंव महत्वपूर्ण परिवर्तन किया। उन्होंने कहा कि रामायण ग्रंथ में आज के आधुनिक युग का तमाम भेद छुपा है। माना जाए तो रामायण का पाठ करने वाले लोग अक्सर जिक्र करते है कि रामायण में सुई बनाने से लेकर विमान बनाने तक का फार्मूला है। आजाद सिंह ने यह शब्द रविवार को करनाल के कर्ण विहार में भगवान वाल्मीकि प्रगट दिवस के अवसर पर आयोजित भव्य समारोह को संबोंधित करते हुए कहे। आजाद सिंह ने अपने संबोधन में कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान वाल्मीकि ने समस्त समाज को एकता के सूत्र में पिरोकर समरसता के सद्भाव का संदेश दिया है। आज के युग की हॉस्टल प्रणाली को समझा जाए तो त्रेता युग की भगवान वाल्मीकि की कुटिया भगवान श्रीरामचंद्र की संतान लव और कुश के लिए छात्रावास थी। लव और कुश ने भगवान वाल्मीकि कुटिया से ही तमाम शिक्षा ग्रहण की। चाहे युद्धकलां कौशल की शिक्षा हो या फिर घुड़सवारी हो।

दिल्ली के वाल्मीकि मंदिर से स्वच्छता अभियान प्रारंभ

सामाजिक ज्ञान हो या फिर संस्कारों की शिक्षा। माता सीता ने भगवान वाल्मीकि को सदैव पिता दर्जा दिया तो भगवान वाल्मीकि ने माता सीता को पुत्री के तौर पर वनवास के दौरान अपने कुटिया में आश्रय प्रदान किए रखा। इस मौके पर आजाद सिंह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के वाल्मीकि मंदिर से स्वच्छता अभियान प्रारंभ कर देश को स्वच्छ बनाने का संदेश देकर लोगों की मानसिकता में परिवर्तन किया। यह परिवर्तन सहज नहीं है। नर्सरी कक्षा के छात्र से लेकर जीवन अंतिम पड़ाव वाले वृद्ध मानसिकता को देश के प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छता के प्रति बदला है। उधर दूसरी ओर उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के संदर्भ में लोगों को संबोधित करते हुए साफ लफ्जों में कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सोच शोषित और वंचित समाज के प्रति बहुत साकारात्मक है। उनका दिल वाल्मीकि समाज सहित तमाम वंचित समाज के प्रति हर पल कुछ ना कुछ नया करने में लगा रहता है। उन्होंने खुले तौर पर कहा कि यकीन नहीं आता तो स्वंय चड़ीगढ और करनाल सीएम आवास पर पहुंचकर मुख्यमंत्री से संपर्क कर देख लें।

भजनों के माध्यम से गुरु की महिमा का गुणगान

उन्होंने समाज में बड़ा परिवर्तन लाने के लिए कहा कि तमाम वंचित समाज को एकता के सूत्र में बंधना चाहिए। सामाजिक सदभाव और समरसता को समान्य जीवन में उतार कर रोजमर्रा में कुछ बदलाव करने की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए। युग प्रवर्तक त्रिकालदर्शी भगवान वाल्मीकि के दर्शाए मार्ग का अनुसरण कर समाज को नया दिशा देने का काम करें। इस अवसर पर मेद्यावी छात्रों को वाल्मीकि एजुकेशन सोसायटी की ओर से सम्मानित किया गया। उधर दूसरी ओर महिलाओं ने पूरे कार्यक्रम धार्मिक भजनों के माध्यम से गुरु की महिमा का गुणगान किया। वहीं आयोजकों की ओर से अटूट भंडारा बरता गया। इस मौके पर क्षेत्र के पार्षद नीलम नौतना तथा पार्षद प्रतिनिधि भूपेंद्र नौतना ने कहा कि ऐसा संयुक्त आयोजन उन्होंने पहली बार देखा है। उनके वार्ड-4 में ऐसा आयोजन होना पूरे करनाल के लोगों को समाजिक सदभाव की सीख देता है। पूरे कर्ण विहार क्षेत्र के लोग इस कार्यक्रम को सफल बनाने में दिलों जान से जुटे रहे। उम्मीद है भविष्य में भी इस तरह के आयोजन होते रहेंगे और समाजिक सदभाव भाईचारे को मजबूत बनाए रखेंगे।

इस अवसर पर सभी रहे मौजूद

इस अवसर पर वीर सिंह, पूर्व सब इंस्पेक्टर सूरजभान, पूर्व सब इंस्पेक्टर सतबीर, वाल्मीकि एजुकेशन सोसायटी प्रमुख्य संयोजक रमेश कुमार स्टोंडी, वेदप्रकाश, सूरजभान, ब्रह्मा, रामेश्वर, किरणपाल, जयपाल, राजेश कुमार, परमाल, कमल, अशोक कुमार, गौरव, विक्की वैद बोहला, किशन फौजी, अजय, विजय, संतोष, संगीता, लीला, सलिंद्रों, उषा, सुनीता व अनीता सहित काफी लोग मौजूद रहे।

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