सुरेन्द्र दुआ, नूंह:
Tribute to Martyrs Quotes: महान स्वतंत्रता सेनानी एवं देश भक्त शहीद उधम सिंह की जयंती के अवसर पर उन्हें यहां एक कार्यक्रम के जरिये याद किया गया और उनके तैलचित्र पर पुष्पांजलि देकर उनके जीवन मुल्यों से प्रेरणा लेने की बात कही। जनसेवक समाज(एसीआर) के तत्वधान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान अखिल भारतीय शहीदाने मेवात सभा के जिला अध्यक्ष प्रधान सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि 26 दिसंबर 1899 को जन्में उधम सिंह की जयंती दिवस के मौके पर देश प्रदेश में जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।
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शहीद उधम सिंह में बचपन से ही थी देश प्रेम की भावना Tribute to Martyrs Quotes
शहीद उधम सिंह में बचपन से ही देश प्रेम की भावना थी और वह सच्चे देश भक्त थे, उन्होंने जलियांवाला बाग कत्लेआम का बदला आरोपी माईक ओ0 डायर को उसी की जमीन पर जाकर मारकर लिया। उन पर चले मुकदमें में हुए फांसी के आदेश के बाद 31 जुलाई 1940 को पेंटरल विले जेल में फांसी दे दी गई। हमें उनकी शहादत से प्रेरणा लेनी चाहिए।
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यह रहे मौजूद Tribute to Martyrs Quotes
इस मौके पर जनसेवक समाज के महासचिव वेदप्रकाश, सुन्दर सिंह गुरनावट, कार्यवाहक नम्बरदार दरियाव सिंह, पृथ्वी प्रधान, मंगल, नन्ना आदि भी मौजूद रहें।
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इंसानियत से बडा कोई धर्म नहीं Tribute to Martyrs Quotes
दूसरी तरफ राजा सूरजमल के शहीदी दिवस को लेकर उन्हें भी याद किया गया। जजपा के एससी सेल के अध्यक्ष सुन्दर सिंह गुरनावट ने बताया कि उनका जन्म 13 फरवरी 1707 में हुआ और 25 दिसंबर 1763 को उनका इंतकाल हो गया था और 8 वर्ष की अल्पायु में कुंवर पद ग्रहण करते ही उन्होंने राज्य संभालना शुरू कर दिया और 1748 में वह युवराज बनाए गए।
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वह भवन निर्माण कला के बडे ज्ञाता व जानकार थे। उन्होने डीग, भरतपुर व अपनी रियासत के अन्तर्गत पडने वाले क्षेत्रों में भवनों का निर्माण किया। तावडू शहर में उनका बना महल इसकी बानगी हैं। उन्होंने हर वर्ग की रक्षा, दीन हीन की रक्षा की थी और उनके लिए इंसानियत से बडा कोई धर्म नहीं था।
उनमें दोनों हाथों से तलवार चलाने के अलावा तीर कमान,भाला व अन्य शस्त्र चलाने में भी कोई उनका सानी नहीं था और मुगलों में उनके प्रति इस बात का खौफ था। इस अवसर पर महेश प्रजापति, राकेश, भज्जी, मदनलाल, भीम सिंह आदि भी मौजूद रहें।
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