Aaj Samaj (आज समाज), Transparency International Report, नई दिल्ली: दुनिया में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार की सूची में सोमालिया शामिल है, वहीं डेनमार्क में सबसे कम भ्रष्टाचार होता है। भारत इस मामले में 93वें स्थान पर है। विभिन्न देशों में भ्रष्टाचार की स्थिति की जानकारी देने वाली संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। 180 देशों की इस रैंकिंग में नंबर एक पर आने वाले देश में सबसे कम जबकि 180 नंबर पर आने वाले देश में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार होता है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की लिस्ट में सोमालिया 180वें पायदान पर है। इसके अलावा वेनेजुएला, सीरिया, साउथ सूडान, यमन और नॉर्थ कोरिया दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों में शामिल हैं।
- भूटान व चीन को छोड़ अधिकतर पड़ोसी देशों में ज्यादा करप्शन
2022 में 85वें स्थान पर था भारत
मंगलवार को जारी ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में एक साल पहले 2022 के मुकाबले 2023 में भ्रष्टाचार बढ़ा है। 2022 में भारत भ्रष्टाचार के मामले में 85वें स्थान पर था, वहीं 2023 में करप्शन परसेप्शन इंडेक्स में देश अब 93वें स्थान पर आ गया है। भारत का पड़ोसी देश भूटान 26वें स्थान पर है और यहां दक्षिणी एशिया का सबसे कम भ्रष्टाचार है।
चीन सूची में 76वें स्थान पर
चीन इस सूची में 76वें स्थान पर है और यहां भी 2022 के मुकाबले 2023 में भ्रष्टाचार बढ़ा है। भारत का एक और पड़ोसी देश श्रीलंका सूची में 115वें नंबर पर है जिसका मतलब यह है कि यहां भारत से ज्यादा भ्रष्टाचार है। नेपाल सूची में 108वें नंबर पर है, वहीं पाकिस्तान 133वें नंबर पर, बांग्लादेश 149वें नंबर पर और अफगानिस्तान 162वें नंबर पर है। इस तरह भूटान और चीन को छोड़कर अधिकतर पड़ोसी देशों में भारत से ज्यादा भ्रष्टाचार है।
एशिया में टॉप 10 में इकलौता सिंगापुर
सबसे कम भ्रष्टाचार वाले देशों में पहले स्थान पर डेनमार्क और इसके बाद फिनलैंड दूसरे, न्यूजीलैंड तीसरे, नॉर्वे चौथे और सिंगापुर पांचवे नंबर पर है। सिंगापुर इकलौता ऐसा एशियाई मुल्क है जो इस लिस्ट में टॉप 10 में शामिल है। वहीं, टॉप 20 में एशिया से सिंगापुर के अलावा हांगकांग और जापान ही हैं।
रैंकिंग के लिए 0 से 100 के पैमाने का उपयोग
भ्रष्टाचार के मामले में भारत के समग्र स्कोर में बहुत हद तक कोई बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन देश की रैंकिंग आठ स्थान नीचे खिसक गई है। इस सूचकांक में विशेषज्ञों और व्यापारिक लोगों की धारणा के आधार पर सार्वजनिक क्षेत्र के भ्रष्टाचार के कथित स्तरों को ध्यान में रखकर 180 देशों और क्षेत्रों की रैंकिंग की जाती है। इस रैंकिंग के लिए 0 से 100 के पैमाने का उपयोग किया जाता है। जहां 0 अत्यधिक भ्रष्ट है और 100 बहुत ईमानदार का सूचक है। 2023 में, भारत का समग्र स्कोर 39 रहा जबकि जबकि 2022 में यह 40 था।
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