कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता है तो भारत में इतने अस्पताल नहीं हैं जहां मरीजों को भर्तीकिया जा सके। मरीजों को आईसोलेशन वार्ड में रखने के लिए ट,ेनों के कोच का इस्तेमाल किया जा सकता है। मरीजों की संख्या बढ़ने की आशंका के मद्देनजर ट्रेनों की बोगियां क्वारंटाइन और आइसोलेशन वार्ड के रूप मेंइस्तेमाल करने का विचार किया जा रहा है। ट्रेनों को सेनेटाइज करने के बाद उसके एक-एक कोच को एक वार्ड के रूप में इस्तेमाल करने पर विचार किया जा रहा है। संभावना है कि इसके लिए रेलवे की मदद ली जाएगी। इसके लिए सभी खाली रैक की स्थिति देखी जा रही है। अगर इस तरह की तैयारियां होती हैं तो वाराणसी मंडल में मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की 18 खाली रेक जहां-तहां स्टेशनों के शंटिंग लाइन व प्लेटफार्म पर खड़ी हैं, उनका इस्तेमाल किया जा सकता है। 25 रेक पैसेंजर ट्रेनों की हैं। इसी तरह वाराणसी कैंट स्टेशन पर ऐसी तीन रेक उपलब्ध हैं। अस्पतालों में जगह कम पड़ती है तो ट्रेनों का इस्तेमाल किया जा सकता है। खास यह कि ट्रेनें आबादी से दूर भी खड़ी की जा सकेंगी। पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के पीआरओ अशोक कुमार और कैंट स्टेशन निदेशक आनंद मोहन ने बताया कि इस तरह का निर्देश जारी होता है तो तत्काल इन्हें तैयार कराया जाएगा।