तोशाम: भारतीय कला, संस्कृति और भाषा से रूबरू होंगे विद्यार्थी

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Music and art classes in schools
Music and art classes in schools

सुमन, तोशाम:

सीबीएसई से जुड़े राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में विद्यार्थी भारतीय कला, संस्कृति और भाषा के बारे में जान सकेंगे। इन स्कूलों में सीबीएसई की तर्ज पर आर्ट एंड क्लचर क्लब बनाए जाएंगे।  सीबीएसई से जुड़े जिले के मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में भी हारमोनियम, तबले और ढोलक की आवाज सुनाई देगी। सीबीएसई की गाइडलाइन के मुताबिक इन स्कूलों में संगीत और कला की कक्षाएं शुरू होंगी। शिक्षा विभाग के निदेशालय ने सामान खरीदने के लिए बजट जारी कर दिया है। सामान खरीदने के लिए प्रत्येक विद्यालय को 1 लाख 30 हजार रुपए की राशि मिलेगी। जिले में 7 मॉडल संस्कृति स्कूल हैं।
भारतीय कलाओं, भाषाओं और संस्कृति को बचाने के लिए मॉडल संस्कृति स्कूलों में इन क्लबों का गठन किया गया है। प्रत्येक राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आर्ट एंड क्लचर क्लब की स्थापना की जाएगी।  प्रत्येक बच्चे की रूचि  व क्षमता के आधार पर भागीदारी करवाई जाएगी। विधार्थियों को पारंगत कर विभिन्न राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया जाएगा।

शिक्षा विभाग के निदेशालय द्वारा मॉडल संस्कृति स्कूलों के लिए जो बजट जारी किया गया है उससे स्कूल बच्चों के लिए वाद्य यंत्र, वेशभूषा, तथा कला सामग्री की खरीद की जाएगी।  प्रत्येक स्कूल को 30 हजार रुपये वेशभूषा, 60 हजार रुपये से वाद्य यंत्र तथा 40 हजार रुपये कला का सामान खरीदना होगा। स्कूलों को ये सामान खरीदने के बाद सीबीएसई की गाइडलाइन के मुताबिक प्रतियोगिताएं भी करवानी होंगी। शिक्षा विभाग निदेशालय ने प्रत्येक स्कूल को सामान खरीदने के लिए 1.30 लाख रुपये दिए हैं। स्कूलों को 30 हजार रुपये से नृत्य, नाटक, थियेटर और वेषभूषा, 60 हजार रुपये से स्कूल को तबला, कैसियो, हारमोनियम, ढोलक, ड्रम सेट और माइक सिस्टम खरीदना होगा। इसके अलावा 40 हजार रुपये से कला से जुड़ी सामग्री खरीदेंगे। इसके लिए क्लब इंचार्ज बनाए जाएंगे जिसको सीबीएससी द्वारा समय-समय पर ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि विधार्थियों की इससे संबधित तैयारी करवा सकें। इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह श्योराण ने बताया कि राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में आर्ट एंड क्लचर क्लब की स्थापना की जाएगी। सामान खरीदने के लिए बजट भी स्कूलों को दिया जाएगा। इससे हमारी संस्कृति व कला को बढ़ावा मिलेगा।