Toshakhana Case: इमरान को 3 साल जेल, पाकिस्तान पुलिस ने गिरफ्तार किया

0
275
Toshakhana Case
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान। 

Aaj Samaj (आज समाज), Toshakhana Case, इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान को पुलिस ने शनिवार को अवैध रूप से सरकारी उपहार बेचने (तोशाखाना केस) के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। इस्लामाबाद की ट्रायल कोर्ट ने शनिवार को इस मामले में उन्हें दोषी ठहराने के बाद तीन साल जेल की सजा सुनाई।

  • भ्रष्टाचार के आरोप 
  • एक लाख जुर्माना

फैसला आते ही की कार्रवाई

फैसला आते ही पुलिस ने उन्हें लाहौर में जमान पार्क से गिरफ्तार कर लिया। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि मामले में दोषसिद्धि से इमरान खान का राजनीतिक करियर खत्म हो सकता है। इमरान अब अगले पांच साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। नवंबर की शुरुआत से पहले आयोजित आम चुनावों में भी इमरान के भाग लेने की अब संभावना न के बराबर है। कोर्ट ने पीटीआई अध्यक्ष पर एक लाख पाकिस्तानी रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

कोर्ट न पहुंचने पर सुनाया फैसला

फैसले के वक्त कोर्ट ने कहा, पीटीआई प्रमुख इमरान ने तोशाखाना मामले में पाकिस्तान के चुनाव आयोग को गलत जानकारी दी थी। वह भ्रष्टाचार में लिप्त थे। अदालत ने शनिवार को सुनवाई के बाद 12:30 बजे तक फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद भी जब इमरान कोर्ट नहीं पहुंचे तो जज ने फैसला सुना दिया।

पत्नी बुशरा पर भी आरोप

तोशाखाना मामले में इमरान की पत्नी बुशरा बीबी भी आरोपी हैं, क्योंकि तोशाखाना के करोड़ों रुपए के तोहफे बुशरा ने ही बेचने के लिए दिए थे। यह मामला दो तरह से चल रहा है। इमरान की सुनवाई अदालत में हो रही है। वहीं बुशरा को एंटी करप्शन एजेंसी पूछताछ के लिए बुला रही है। उन्हें भी जांच एजेंसी के सामने पेश होना है।

13 बार बुशरा को पेशी के लिए नोटिस, एक बार पेश नहीं हुईं

अब तक कुल 13 बार बुशरा को जांच एजेंसी ने पेश होने के लिए नोटिस दिया है, लेकिन वो एक भी बार पेश नहीं हुईं। इसके बाद जांच एजेंसी ने अखबारों में एक इश्तिहार निकलवाया और कहा कि अगर बुशरा पेश नहीं हुईं तो उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट हासिल किए जाएंगे। इसके बाद इमरान ने लाहौर हाईकोर्ट में एक पिटीशन दायर की थी।

उन्होंने कहा, मेरी पत्नी घरेलू महिला हैं और उनका सियासत से कोई ताल्लुक नहीं है। लिहाजा, उन्हें पूछताछ से राहत दी जाए। दूसरी तरफ, इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि इमरान के खिलाफ बेहद पुख्ता सबूत हैं और यही वजह है कि वो किसी न किसी बहाने से सुनवाई को लंबे वक्त तक लटकाना चाहते हैं।

यह भी पढ़ें :  

Connect With Us: Twitter Facebook