Leaders are not the ones who lead the perpetrators of violence – General Vipin Rawat: नेता वह नहीं जो हिंसा करने वालों का नेतृत्व करते हैं- जनरल विपिन रावत

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 नई दिल्ली। देश में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कानून सीएए को लेकर लगातार विरोध-प्रदर्शनों का दौर चल रहा है। सीएए और एनआरसी को लेकर पहले काफी उग्र प्रदर्शन हुए हैं और कई स्थानों पर हिंंसा भी की गई। इन विरोध प्रदर्शनों में विश्वविद्यालयों के छात्र शामिल हुए। इन प्रदर्शनों में विश्वविद्यालयों के छात्रों के शामिल होने पर सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि इसे नेतृत्व करना नहीं कहते हैंं। उन्होने कहा कि नेता वे नहीं हैं जो हिंसा करने वाले लोगों का नेतृत्व करते हैं। नेता आपको सही दिशा में ले जाता है। नेता को सभी की चिंता होती है। हिंसा भड़काना नेतृत्व करना नहीं है। दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि नेता वे नहीं है जो लोगों को गलत दिशा में ले जाए। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में हमने देखा है कि किस तरह बड़ी संख्या में छात्र कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से निकलकर आगजनी और हिंसा करने के लिए लोगों और भीड़ का नेतृत्व कर रहे हैं। हिंसा भड़काना नेतृत्व करना नहीं है। लोगों को गलत दिशा में ले जाना नेतृत्व करना नहीं होता है। नेता होने का मतलब सही दिशा में लोगों को ले जाना होता है। सेना प्रमुख ने नेतृत्व पर बोलते हुए कहा कि यह आसान काम नहीं बल्कि बहुत मुश्किल काम है।

लीडरशिप एक मुश्किल काम है क्योंकि जब आप आगे बढ़ते हैं तो बड़ी संख्या में लोग आपको फॉलो करते हैं। यह दिखने में सामान्य लगता है, लेकिन यह बहुत-बहुत मुश्किल काम है क्योंकि आपके पीछे एक बहुत बड़ी भीड़ है। उन्होंने कहा कि मुझे सेना के नेतृत्व पर गर्व है। यहां उन्होंने सियाचीन जैसे दुर्गम स्थान पर ड्यूटी कर रहे जवानों के लिए कहा कि हम खुद को ठंड से बचाने के लिए कई तरह के गर्म कपड़े पहने हुए हैं लेकिन मैं अपने उन जवानों की सराहना करना चाहता हूं, श्रद्धा जताना चाहता हूं जो वहां तैनात हैं। सियाचिन में सॉल्टोरो रिज और अन्य ऊंचाई वाले स्थनों पर सीमा की सुरक्षा कर रहे जवान तापमान -10 से -45 डिग्री के बीच देश के लिए खड़े हैं।