प्रधानमंत्री मोदी ने कैबिनेट का सबसे बड़ा विस्तार किया है। इसमें 43 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। इनमें नारायण राणे, सबार्नंद सोनोवाल के अलावा मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया और वीरेंद्र कुमार समेत 15 ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली। मोदी के 8 साल के शासन में इस बार सबसे ज्यादा मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया गया।
28 राज्यमंत्रियों ने भी शपथ ली
इसके साथ ही 28 राज्यमंत्रियों ने भी शपथ ली। इनमें 7 महिलाएं हैं। 2014 में मोदी के पहले मंत्रिमंडल में 7 और दूसरी बार 2019 में 6 महिला मंत्री थीं। किसान आंदोलन के मुद्दे पर अकाली दल के साथ मतभेदों के चलते हरसिमरत सिंह कौर कैबिनेट से हट गई थीं। ताजा विस्तार के बाद कैबिनेट में महिला मंत्रियों की संख्या 11 हो गई है, जो 8 साल की मोदी सरकार में सबसे ज्यादा है।
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यूपी और उत्तराखंड का संतुलन नहीं बना पाए मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपनी टीम में बड़ा बदलाव कर चुनाव वाले राज्यों को तो महत्व दिया ही साथ ही संदेश देने की कोशिश की कि पिछड़ों पर सरकार का विशेष ध्यान है। खास तौर पर ओबीसी और एससी पर। लेकिन इस सोशल इंजीनियरिंग में यूपी और उत्तराखंड में कुछ कमी रह गई।यूपी से पश्चिम उत्तर प्रदेश में जाट समुदाय को साधने के लिए कुछ नहीं किया गया।जबकि किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले नेता यहीं से आते हैं।इसी तरह उत्तराखंड में गढ़वाल मंडल की पूरी तरह से अनदेखी कर दी गई। जबकि सबसे ज्यादा सीट इसी क्षेत्र से आती हैं। कुमाऊं मंडल से ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आते हैं तो केंद्र में बनाये नए मंत्री अजय भट्ट भी कुमाऊं से ही हैं।
बुधवार को इन्हें केन्द्र में मंत्री बनाया गया
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