आप बोली- बंद कराएंगे, दुष्यंत चौटाला पहले फायदा ले चुके, खट्टर ने भी ऐलान किया था
Hisar News (आज समाज) हिसार: हरियाणा में 2 महीने बाद विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में पार्टियां हर वह मुद्दा उठा रही हैं, जिससे लोग प्रभावित हैं। हरियाणा में आम आदमी पार्टी ने अपनी पहली चुनावी जनसभा में टोल प्लाजा का मुद्दा उठाया। यह मुद्दा इतना प्रभावी है कि 5 साल पहले खखढ नेता दुष्यंत चौटाला इस मुद्दे को उठाकर हरियाणा में 10 विधानसभा सीट जीत चुके हैं। फिर भी चुनाव जीतने के बाद वह एक भी टोल बंद नहीं करवा पाए। हालांकि, आप पंजाब में बंद हुए टोल प्लाजा के नाम पर हरियाणा में वोट मांग रही है। हरियाणा के हर जिले में कई-कई टोल प्लाजा हैं। इन पर लाखों रुपए टैक्स आता है। हिसार की बरवाला विधानसभा में पहली रैली में ही पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि पंजाब में हमने 17 टोल प्लाजा बंद कर दिए। यह टोल प्लाजा कांग्रेसियों, भाजपाइयों और अकाली नेताओं के थे, जो अवैध वसूली करते थे। हमने सारी अवैध वसूली बंद करवा दी।
हरियाणा में खट्टर सरकार कर चुकी घोषणा
पंजाब में मान सरकार ने 17 टोल स्टेट हाईवे पर बंद किए हैं। हरियाणा में भी स्टेट हाईवे पर खट्टर सरकार ने दिसंबर 2023 में 8 टोल बंद करने की घोषणा की थी। इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बाकायदा चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कहा था कि इस फैसले से जनता को सालाना 22.48 करोड़ रुपए की बचत होगी। इनमें पीडब्ल्यूडी द्वारा संचालित 7 टोल प्लाजा भी शामिल हैं।
दुष्यंत चौटाला ने टोल बंद करने कर उठाया था मुद्दा
दरअसल, 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले सांसद रहते दुष्यंत चौटाला ने हिसार के नियमों के विरुद्ध बनाए गए टोल प्लाजा को बंद करने की मांग जोर शोर से उठाई थी। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर सरकार ने टोल बंद नहीं किए तो वह टोल के पिल्लर जनता के साथ मिलकर उखाड़ देंगे। दुष्यंत के इस मुद्दे को भरपूर जन समर्थन मिला था।
टोल नियम पूरा नहीं कर रहे
नियमानुसार एनएचएआई पर बने 2 टोल के बीच कम से कम 60 किलोमीटर की दूरी होनी चाहिए। मगर हरियाणा में कई टोल प्लाजा यह नियम पूरा नहीं करते। हिसार में ही नेशनल हाईवे पर रामायण मय्यड़ टोल और लांधड़ी चिकनवास टोल के बीच की दूरी 60 किलोमीटर से कम है। इधर, नेशनल हाईवे 52 पर चौधरीवास टोल और सरसौद टोल की दूरी भी 60 किलोमीटर से कम है। हिसार के सभी चारों टोलों की दूरी का आकलन करें तो 60 किलोमीटर से कम है। कई बार इसे लेकर स्थानीय लोगों ने आवाज उठाई, लेकिन इसका कोई हल आज तक नहीं निकला।