मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार को लेकर लगातार उठापटक चल रही है। चुनावों के पहले शिवसेना और भाजपा एक साथ थे और इन्होंने साथ मिलकर चुनाव लड़ा। इसके बाद सरकार बनाने के समय दोनों पार्टियों के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए खींचतान शुरु हुई। शिवसेना का कहना था कि 50-50 फॉमूले पर सरकार बननी चाहिए। ढाई साल शिवसेना का मुख्यमंत्री हो। लेकिन भाजपा इस बात से लगातार इनकार करती रही। भाजपा ने कहा कि चुनावों के पहले इस तरह की कोई बात ही नहीं हुई है। इसके बाद शिवसेना ने कहा कि वह झूठे नहीं है और वह इस बात से आहत है। इसके बाद शिवसेना ने अपने केंद्र में मंत्री से इस्तीफा दिलवा दिया और कहा कि वह एनडीए गठबंधन से अलग हो गई है। खैर इन सभी राजनीतिक सरगर्मियों के बीच एक बड़ा ही अच्छा संदेश शिवसेना की ओर से आदित्य ठाकरे ने दिया। आदित्य ने अपना अलग रूप सभी को दिखाया।
वह मातोश्री के बाहर खुद आकर मीडिया कर्मियों का ध्यान रख रहे थे। महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट को देखते हुए लगातार मीडियाकर्मी रिपोर्टिंग कर रहे हैं। आदित्य ठाकरे ने खुद मातोश्री अपने बंगले के बाहर आकर न केवल मीडियाकर्मियों का हालचाल जाना बल्कि उनके लिए खाने का भी इंतजाम किया। पहले उन्होंने समोसा और खाने के पैकेट बांटे। कल रात आदित्य ठाकरे राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे थे। उन्होंने वहां सरकार बनाने के लिए समय मांगा था जिस पर राज्यपाल ने उन्हें समय नहीं दिया। इसके बाद राजभवन से लौटे आदित्य जब मातोश्री लौटे तो अचानक वह अपने घर से बाहर निकले और मीडिया कर्मियों को खाने के पैकेट देने लगे… जब हमने उनसे कहा की बाइट दे दो तो उन्होंने कहा की आप लोग दिन रात काम कर रहे हो थक गए होंगे भूखे होंगे तो आप लोगों के लिए मैंने खाने का इंतजाम किया है… आज मैं बाइट नहीं दूंगा आप लोग ‘बाइट’ करो…। बतादें कि महाराष्टÑ चुनावों में भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिलीं। दोनों दलों की संयुक्त सीट संख्या 161 थी, जो 288 सदस्यीय विधानसभा में 145 के बहुमत से अधिक थी। लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों पार्टियों के बीच विवाद बढ़ने के बाद शिवसेना के अरविंद सावंत ने इस्तीफा दे दिया।