बरनाला में पड़ी बरसात से सडक़ों पर जमा हुए पानी को देख गुस्साए शहरवासियों ने शोशल मीडिया पर लगाई गुहार
अखिलेश बंसल, बरनाला:
जिला में मंगलवार की दोपहर हुई मामूली बरसात से सडक़ों पर पानी जमा हो गया, जिससे गुस्साए शहरवासियों ने सोशल मीडिया का सहारा लेने नगर परिषद से गुहार लगाई है कि वह शहरवासियों को बरसाती दिनों में शहर पार कराने के लिए किश्तियों के भी टेंडर डाल दें, ताकि बरसात के समय लोगों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने नप अधिकारियों को चेताया है कि उनके द्वारा किए गए विकास ने कुल्लू-मनाली-शिमला को भी पीछे छोड़ दिया है।
सोशल मीडिया पर अपलोड किए फोटो में रोहित नामक युवक ने मामूली बरसात होने के बाद पानी से भरी सडक़ों पर गुजर रहे लोगों की लाइव तस्वीर दिखायी है। वही तस्वीरें राज्य के मुख्यमंत्री और तमाम राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को भी भेजी हैं। बरनाला शहर में विकास की आंधी लाने वाले वाले नेताओं को आड़े हाथ लेते कहा है कि शहर का विकास करने के नाम पर करोड़ों रुपया गुल हो चुका है। विकास पुरुष की संज्ञा से जाने जाते एक नेता को कहा है कि बरनाला वासियों को स्विमिंग के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
जिला में मंगलवार की दोपहर हुई मामूली बरसात से सडक़ों पर पानी जमा हो गया, जिससे गुस्साए शहरवासियों ने सोशल मीडिया का सहारा लेने नगर परिषद से गुहार लगाई है कि वह शहरवासियों को बरसाती दिनों में शहर पार कराने के लिए किश्तियों के भी टेंडर डाल दें, ताकि बरसात के समय लोगों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने नप अधिकारियों को चेताया है कि उनके द्वारा किए गए विकास ने कुल्लू-मनाली-शिमला को भी पीछे छोड़ दिया है।
सोशल मीडिया पर अपलोड किए फोटो में रोहित नामक युवक ने मामूली बरसात होने के बाद पानी से भरी सडक़ों पर गुजर रहे लोगों की लाइव तस्वीर दिखायी है। वही तस्वीरें राज्य के मुख्यमंत्री और तमाम राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को भी भेजी हैं। बरनाला शहर में विकास की आंधी लाने वाले वाले नेताओं को आड़े हाथ लेते कहा है कि शहर का विकास करने के नाम पर करोड़ों रुपया गुल हो चुका है। विकास पुरुष की संज्ञा से जाने जाते एक नेता को कहा है कि बरनाला वासियों को स्विमिंग के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
युवक रोहित ने कहा है कि नगर परिषद व नगर सुधार ट्रस्ट को हर साल शहर से करोड़ों-अरबों रुपया टैक्स इक_ा होता है और उस के बदले में शहर को निकम्मा प्रबंध परोसा जा रहा है। कॉओसेस वसूला जा रहा है लेकिन बेसहारा पशू सडक़ों पर घूम रहे हैं, सडक़ें ऐसी बनती हैं कि कुछ दिनों बाद ही मटीरियल बिखर जाता है। शहर के 31 काउंसलर और नगर काउंसिल प्रधान सभी ने आंखें बंद कर ली हैं। उनकी जमीर पूरी तरह से मर गई है।