Tips for parents: बच्चे के जन्म के साथ ही पेरेंट्स उनकी जरूरत का हर सामान घर में स्टोर कर लेते हैं। इन्हीं सामानों में से एक चीज होती है दवाइयां। छोटे बच्चे वाले घर में आपको ढेर सारी दवाओं की शीशी मिल जाएगी। बुखार की दवा अलग, उल्टी-दस्त की दवा अलग, खांसी के लिए अलग दवा की शीशी और विटामिन डी जो रेगुलर बेसिस पर देनी है उसकी शीशी बिल्कुल ही अलग होती है। अक्सर पेरेंट्स इस बात को मानते हैं कि अगर छोटा बच्चा घर में हो, तो दवाएं रखनी ही चाहिए। क्योंकि छोटी-छोटी बीमारी के लिए डॉक्टर के पास जाना अच्छी बात नहीं होती है। कई बार आपने देखा होगा लोग एक बार दवा का इस्तेमाल करने के बाद शीशी को संभालकर रखते हैं और जब बच्चा दोबारा बीमार पड़ता है, तो उसी शीशी में दवा बच्चे को पिला देते हैं।
खुली दवा देने से बच्चे के स्वास्थ्य को नुकसान
एक बार दवा की बोतल खोलने के बाद उसका इस्तेमाल दोबारा नहीं करना चाहिए। दरअसल, जब पेरेंट्स बच्चे को दवा देते हैं, तो बोतल पर लिखी एक्सपायरी डेट चेक करते हैं। लेकिन न्यू पेरेंट्स को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि वो डेट सील्ड बोतल की है। ऐसे में खुली दवा देने से बच्चे के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है।दवा की बोतल खुलने के बाद वह हवा के संपर्क में आ जाती है, जिसकी वजह से उसमें बैक्टीरिया, संक्रमण और हानिकारक एजेंट घुल जाते हैं। अगर आप इस दवा का इस्तेमाल दोबारा करते हैं, तो इससे बच्चे की स्वास्थ्य समस्या कम होने की बजाय बढ़ सकती है। एक्सपर्ट की मानें तो एक बार दवा की बोतल खोलने के बाद इसका इस्तेमाल 3 से 4 सप्ताह के भीतर ही करना चाहिए।
बच्चे को खुली बोतल से दवा देने के नुकसान
खुली बोतल की दवा से बच्चे को दोबारा दवा देने से उनकी सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में।
– एक बार दवा की बोतल खुलने के बाद इसकी प्रभावशीलता कम हो जाती है। ऐसे में अगर आप बच्चे को यह दवा पिलाते हैं, तो इसका असर कम होता है और बच्चे की बीमारी ज्यों की त्यों बनी रह सकती है।
– जब आप खुली बोतल से बच्चे को दवा देते हैं और एक्सपायरी डेट चेक करते हैं, लेकिन यह एक्सपायरी डेट सील पैक दवा की होती है। बोतल के खुलने के बाद यह जल्दी खराब हो जाती है। इसलिए बिना डॉक्टरी सलाह के बच्चे को खुली बोतल से दवा न दें।