Tingling in the feet: कई लोगों को रात में सोते समय अचानक से हाथ-पैरों और तलवों में झुनझुनी होने लगती है। क्या आपको भी अक्सर इस तरह की परेशानी महसूस होती है? अगर हां, तो इसे लंबे समय तक इग्नोर न करें। तलवों में झनुझनी होने के पीछे कई वजह हो सकती हैं। इन वजहों पर ध्यान देकर आप अपना इलाज शुरू कराएं, ताकि स्थिति की गंभीरता को कम किया जा सके। जी हां, तलवों में होने वाली झुनझुनी की समस्या को कम करने के लिए इसके पीछे के कारणों पर ध्यान देना बहुत ही जरूरी होता है। ताकि स्थिति गंभीर होने से बच सके। आइए जानते हैं रात में सोते समय तलवों में झुनझुनी होने के पीछे की क्या है वजह?
विटामिन बी12 और अन्य विटामिन्स की कमी
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए। इन पोषक तत्वों में विटामिन्स का अहम योगदान होता है। अगर आपके शरीर में विटामिन ई, बी1, बी6, बी12 और नियासिन जैसे पोषक तत्वों की कमी हो जाए, तो हाथ-पैरों और तलवों में काफी झुनझुनी होने लगती है।
शरीर में विषाक्त पदार्थों की अधिकता
शरीर में विषाक्त पदार्थों की काफी ज्यादा मात्रा बढ़ जाने से भी मरीजों के हाथ-पैरों में काफी ज्यादा झुनझुनी होने लगती है। मुख्य रूप से सीसा, आर्सेनिक, पारा और थैलियम जैसी भारी धातुएं और कुछ पर्यावरणीय रसायनों के कारण इस तरह की परेशानी हो सकती है।
शराब की लत बढ़ा सकता है झुनझुनी की परेशानी
शराब का काफी अधिक सेवन करने से लोगों में थायमिन या अन्य महत्वपूर्ण विटामिन की कमी होने लगती है, जिसकी वजह से उन्हें तंत्रिका संबंधी विकार हो सकते हैं। ऐसे में तलवों में झुनझुनी की परेशानी होना काफी आम हो जाता है।
चिंता से बढ़ जाती है तलवों में झुनझुनी
अक्सर मानसिक समस्याओं के कारण शारीरिक परेशानियां जन्म लेती हैं। मुख्य रूप से अगर आप काफी समय से चिंता विकृति से जूझ रहे हैं, तो आपको इस तरह की परेशानी हो सकती है। इस स्थिति में मरीजों को न सिर्फ तलवों में झुनझुनी महसूस होती है, बल्कि पैरों और हाथों में भी काफी परेशानी होती है।
कुछ संक्रमण
कुछ संक्रमण के कारण भी मरीजों के तलवों में काफी ज्यादा झुनझुनी की शिकायत हो सकती है। इनमें लाइम डिजीज, दाद (वैरिसेला ज़ोस्टर), साइटोमेगालोवायरस, हर्पीज सिम्प्लेक्स, एपस्टीन-बार और एचआईवी जैसे संक्रमण शामिल हैं। है।