करनाल : चोटिल हुए किसानों का हाल-चाल जानने करनाल पहुंचे टिकैत

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प्रवीण वालिया, करनाल:
शनिवार को बसताड़ा टोल प्लाजा पर दिन भर पुलिस व किसान आमने सामने रहे। सीएम के कार्यक्रम में काले झंडे दिखाकर विरोध जताने का प्रयास करने वाले किसानों को आपसी तनातनी के माहौल के बाद पुलिस ने लाठियां भांज कर घायल कर दिया। पुलिस की इस कार्रवाई में जहां पर लगभग 20 किसान चोटिल हुए वहीं पर 10 पुलिस जवानों के भी घायल होने का समाचार है। पुलिस को लाठीचार्ज क्यों करना पड़ा यह जांच का विषय है। लेकिन दिन भर पुलिस व किसान आपस में बहस करते नजर आए। किसानों को काले झंडे लेकर शांति पूर्वक विरोध जताने के लिए करनाल में भाजपा के कार्यक्रम में जाना था लेकिन पुलिस ने किसानों को नहीं जाने दिया। जिस कारण से पुलिस व किसानों के बीच तनातनी का माहौल चलता रहा और बहस बाजी होती रही। लेकिन पुलिस ने भी अपने आकाओं के हुक्म की तामील करते हुए किसानों को आगे नहीं बढने दिया। दिन भर इस आपाधापी के बाद गुरनाम सिंह चढूनी भी किसानों के बीच आए और उन्होंने किसानों के साथ हुई इस घटना की निंदा करते हुए दो टूक पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे यहां से फोर्स हटा लें स्थिति को तनावपूर्ण न होने दें और गिरफ्तार हुए किसानों को तुरंत रिहा करें। चढूनी ने सरकार को चेताते हुए कहा कि यदि किसानों की रिहाई नहीं की तो पूरे हरियाणा में रास्ते जाम कर देंगे। इसके बाद प्रशासन ने देर शाम किसान नेताओं को रिहा कर दिया। कांग्रेस और इनेलो नेताओ ने लाठी चार्ज को अलोकतांत्रिक बताया है। किसानों पर लाठीचार्ज की पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष कुमारी शैलजा ने भी निंदा की है। उधर भारतीय किसान यूनियन चढूनी के अध्यक्ष गुरनाम सिह चढूनी ने कहा कि पुलिस ने गिरफ्तार किए हुए किसान नेताओं को रिहा कर दिया है। उन्होंने कहा कि 30 अगस्त को करनाल में पूरे हरियाणा से में किसान नेता एकत्रित होकर आगे की रणनीति तय करेंगे।
करनाल पहुंचे राकेश टिकैत
उधर आज टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज में चोटिल हुए किसानों का कुशलक्षेम जानने पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज की निंदा की। उन्होंने कहा कि जिस भी अधिकारी ने पुलिस को लाठाचार्ज करके सिर फोडने का आदेश दिया है उसके खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई करें नहीं तो किसान चैन से नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारियों की पोस्टिंग तो नक्सली इलाके में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझकर टकराव की स्थिति चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार को इसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा। टिकैत ने कहा कि इन किसान नेताओं की हालत देखिए जिन पर पुलिस ने बर्बरता पूर्ण लाठियां भांज कर उन्हें बुरी तरह से सिर फोड़कर चोटिल किया गया है।