सीएम नायब सैनी ने कानूनों को शत-प्रतिशत लागू करने के संबंध में ली अधिकारियों की बैठक
कहा- हरियाणा में जीरो एफआईआर की होगी मॉनटरिंग
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने आज अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में गृह विभाग के अंतर्गत पुलिस, जेल, अभियोजन और फोरेंसिक विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में सीएम ने प्रदेश में 28 फरवरी तक तीन नए आपराधिक कानूनों के शत-प्रतिशत लागू करने के अधिकारियों को निर्देश दिए। बैठक में सीएम ने निर्देश देते हुए कहा कि नए कानूनों को धरातल पर लागू करने के लिए ढांचागत विकास के साथ-साथ संबंधित कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाए।

उन्होंने कहा कि नए प्रावधानों के अनुसार, पुलिस थानों में हाईस्पीड इंटरनेट व्यवस्था, वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आरोपियों की पेशी और गवाही, जीरो एफआईआर की मॉनिटरिंग सहित सभी व्यवस्थाओं को तीव्र गति से आगे बढ़ाया जाए, ताकि पीड़ितों को जल्द से जल्द न्याय मिल सके। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हरियाणा सीएम सैनी को तीन नए कानूनों को हरियाणा में लागू करने के लिए मार्च तक का टाइम दिया हुआ है।

फोरेंसिक मोबाइल वैन की संख्या को बढ़ाया जाए

मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि वीडियो कांफ्रेंसिंग से गवाहों की गवाही के लिए अदालतों के साथ समन्वय करके व्यवस्था तैयार की जाए। प्रदेश में फोरेंसिक मोबाइल वैन की संख्या में वृद्धि की जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि वर्तमान में प्रदेश में 23 मोबाइल फॉरेन्सिक साइंस यूनिट संचालित हैं, इनकी संख्या बढ़ाकर 40 की जाएगी। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि जीरो एफआईआर की निरंतर मॉनिटरिंग की जाए। साथ ही, इंटर-स्टेट जीरो एफआईआर पर भी निगरानी रखी जाए और संबंधित एजेंसी को वो एफआईआर त्वरित भेजी जाए, ताकि न्याय मिलने में देरी न हो।

अदालतों में पेश किए जा रहे आॅनलाइन चालान

बैठक में गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि नए आपराधिक कानूनों के तहत अधिकतर प्रावधानों को लागू कर दिया गया है। इंटर-आॅपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) का क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (सीसीटीएनएस) के साथ शत-प्रतिशत एकीकरण किया जा चुका है।

अदालतों में आॅनलाइन माध्यम से चालान पेश किए जा रहे हैं। सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश जारी किए जा चुके हैं कि नए प्रावधानों के अनुसार जरूरी बदलावों को अपनाते हुए 28 फरवरी तक इन कानूनों को पूर्ण रूप से लागू किया जाए।

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