श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने के बाद वहां कुछ नेताओं को नजरबंद किया गया था। इसके बाद धीरे-धीरे कश्मीर में लगे प्रतिबंधों को हटाया गया। हालात सामान्य करने का प्रयास केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है। इसी क्रम में अब अहिस्ता-आहिस्ता नजर बंद किए गए नेताओं को भी आजाद किया जा रहा है हालांकि आजद करने से पहले उनसे शांति बनाए रखने की अपील की गई है। शपथपत्र पर हस्ताक्षर करवाए गए कि वह अच्छा व्यवहार करेंगे और राज्य में शांति बनाए रखेंगे। अधिकारियों ने जानकारी दी कि हिरासत में लिए गए यावर मीर, नूर मोहम्मद और शोएब लोन को विभिन्न आधारों पर रिहा किया गया है।
मीर राफियाबाद विधानसभा सीट से पूर्व विधायक रह चुके हैं, जबकि लोन ने कांग्रेस के टिकट से उत्तर कश्मीर से चुनाव लड़ा था जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उन्हें पीपुल्स कॉन्फ्रेंस प्रमुख सज्जाद लोन का करीबी माना जाता है। नूर मोहम्मद नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकर्ता हैं। अधिकारियों ने बुधवार को बताया था कि रिहा किए जाने से पहले नूर मोहम्मद एक शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर शांति बनाए रखने एवं अच्छे व्यवहार का वादा करेंगे। इससे पहले राज्यपाल प्रशासन ने पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के इमरान अंसारी और सैयद अखून को स्वास्थ्य कारणों से 21 सितंबर को रिहा किया था। हिरासत में लिए गए नेताओं में तीन पूर्व मुख्यमंत्री- फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती शामिल हैं। करीब 250 लोग जम्मू-कश्मीर के बाहर जेल भेजे गए। फारुक अब्दुल्ला को बाद में लोक सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया जबकि अन्य नेताओं को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत हिरासत में लिया गया।