नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ः
- अंडर-19 आयु वर्ग में हिसार प्रथम, रोहतक द्विवतीय व झज्जर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया
- खेल खिलाड़ियों को अनुशासित बनाता है – वीरेंद्र सिंह
श्रीकृष्णा स्कूल महेंद्रगढ़ में तीन दिवसीय 55वीं राज्य स्तरीय बेसबाल खेल प्रतिर्स्पधा सम्पन्न हुई। जिसमें मुख्य अतिथि रमेश चंद एईओ मुख्य रुप से उपस्थित रहे वहीं विशिष्ट अतिथि स्कूल प्राचार्य वीरेंद्र सिंह तथा अध्यक्षता स्कूल पीआरओ सुधीर यादव द्वारा की गई। इस बारे में जानकारी देते स्कूल खेल प्रबंधक सोमदत्त शर्मा ने बताया कि 18 से 20 अक्टूबर तीन दिवसीय 55वीं बेसबॉल खेल प्रतिर्स्पधा शुक्रवार को सम्पन्न हुई। जिसका आज समापन किया गया। इस प्रतिर्स्पधा में प्रदेश के विभिन्न जिलों की बेसबाल की टीमों ने भाग लेकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
55वीं राज्य स्तरीय खेलकूल प्रतिर्स्पधा का परिणाम इस प्रकार है
उन्होंने बताया कि अंडर-19 आयु वर्ग में करनाल व झज्जर के बीच कड़ा मुकाबला देखा गया। जिसमें झज्जर की टीम विजेता रही। वहीं दूसरा मैच झज्जर व गुरूग्रााम के बीच खेला जिसमें गुरूग्राम को मात देते हुए झज्जर की टीम विजेता रही। अगला मैच रोहतक व फरीदाबाद के बीच खेला गया जिसमें रोहतक की टीम विजेता रही। उन्होंने बताया कि अंडर-19 आयुवर्ग में हिसार की टीम प्रथम, रोहतक द्विवतीय व झज्जर की टीम ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
अंडर-17 आयु वर्ग में कैथल व रोहतक के बीच कड़ी टक्कर का मैच देखा गया। जिसमें कैथल विजेता रही वहीं फतेहाबाद व हिसार के बीच मुकाबले में हिसार टीम विजेता रही।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि
इस अवसर पर मुख्य अतिथि एईओ रमेश चंद्र ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि खेल शुरू से ही हमारे जीवन का अभिन्न अंग रहे है। ये नहीं सिर्फ हमारा मनोंरजन करते है बल्कि हमें मानसिक व शारीरिक रुप से सुदृढ़ बनाते है। खेल भारतीय संस्कृति की पहचान है।
इस मौके पर विशिष्ट अतिथि प्राचार्य वीरेंद्र सिंह ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि खेल जीवन का सार है एवं स्वस्थ मस्तिष्क का आधार है। खेल खिलाड़ियों को अनुशासित बनता है और खेलों से सशक्त राष्ट्र का सर्वश्रेष्ठ नागरिक बनता है। उन्होंने कहा कि बेसबाल एक ऐसा खेल जिसमें खिलाड़ी हमेशा सचेत रखता है। प्राचार्य ने कहा कि खेलों में तेज दिमाग और चुस्त शरीर दोनों का होना आवश्यक होता है।
शिक्षा के साथ-साथ मानव जीवन में खेलों का भी बहुत महत्व
इस अवसर पर प्रतिर्स्पधा की अध्क्षता कर रहे पीआरओ सुधीर यादव ने खिलाड़ियों को बधाई देते उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि खेलों में अनुशासन व लक्ष्य को हमेशा ध्यान में रखते हुए खेलना चाहिए। हमें खेल प्रतियोगिताओं मे जाति, धर्म, लिंग का भेदभाव न करते हुए खेल को खेल की भावना से खेलना चाहिए। मनुष्य के सर्वागीण विकास के लिए खेल अनिवार्य है। शिक्षा के साथ-साथ मानव जीवन में खेलों का बहुत महत्व हैं।
इस मौके पर उपस्थित रहे
इस मौके पर रमेश डीओसी, कुलदीप डीओसी, राजेश एईईओ, कुलदीप, राजेश, शशीकांत, सचिन, रोहित, बिरेंद्र, राकेश, राजेश, बलजीत, डॉ. ईश्वर प्राचार्य, प्राचार्य यादवेंद्र, प्राचार्य ज्ञानीराम, प्राचार्य लालंचद, प्राचार्य मूलचंद, अखिलेश, ओमप्रकाश व प्रवीन कोथल सहित खिलाड़ी एवं कोच उपस्थित रहे।
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