Sirsa News (आज समाज) सिरसा: सिरसा में इस बार दो विधानसभा सीटों पर चुनाव काफी रोचक होने जा रहा है। यहां पर एक सीट पर जहां दादा के सामने पोते ने ताल ठोक दी है, वहीं दूसरी सीट पर चाचा-भतीजा आमने सामने रहेंगे। डबवाली व रानियां की इन सीटों पर इस बार चौटाला परिवार के बीच ही मुकाबले ने चुनाव का रोमांच बढ़ा दिया है। सिरसा की रानियां सीट पर पिछली बार हुए चुनाव में निर्दलीय के तौर पर चौधरी रणजीत सिंह चौटाला ने जीत हासिल की थी। चौधरी रणजीत चौटाला इनेलो सुप्रीमो चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के भाई हैं। रानियां से जीत के बाद चौधरी रणजीत सिंह चौटाला ने भाजपा को समर्थन दिया था और भाजपा ने उनको कैबिनेट मंत्री बनाया था। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को ज्वाइन करके चौधरी रणजीत सिंह चौटाला ने हिसार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह जीत नहीं पाए। अब एक बार फिर वह रानियां में सक्रिय हो गए हैं। रणजीत चौटाला ने कहा है कि वह हर हाल में रानियां सीट पर चुनाव लड़ेंगे। इस बीच इस सीट पर उनके पोते अर्जुन चौटाला ने एंट्री मार दी है। अर्जुन चौटाला इनेलो के ऐलनाबाद से विधायक व प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला के पुत्र हैं। दो दिन पहले अर्जुन चौटाला ने प्रेस वार्ता करके जहां रानियां से चुनाव लड़ने की बात कही थी, वहीं अपने दादा रणजीत चौटाला पर रानियां को उपमंडल न बनवा पाने के आरोप भी लगाए थे। डबवाली से मौजूदा विधायक अमित सिहाग कांग्रेस नेता डॉ. केवी सिंह के पुत्र हैं। वह पिछले चुनाव में डबवाली से कांग्रेस की सीट पर विजयी हुए थे। आपको बता दें कि डॉ. केवी सिंह चौटाला गांव के हैं और चौटाला परिवार से संबंधित हैं। वह कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के ओएसडी भी रह चुके हैं। अमित सिहाग ने विधायक रहते हुए डबवाली की समस्याओं को विधानसभा में पुरजोर तरीके से रखा था। अब इस सीट पर उनके रिश्ते में भतीजे दिग्विजय सिंह चौटाला भी जोर आजमाइश कर रहे हैं। दिग्विजय के पिता डॉ. अजय सिंह चौटाला व उनकी माता नैना चौटाला इस सीट पर विधायक रह चुके हैं। ऐसे में अब दिग्विजय ने भी इस सीट पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवानी आरंभ कर दी है। दिग्विजय लगातार डबवाली का दौरा कर रहे हैं और ग्रामीणों से मुलाकात भी कर रहे हैं। गौरतलब है कि चौधरी देवीलाल का पैतृक गांव चौटाला इसी विधानसभा क्षेत्र में आता है।