कहा, इस साल 16 प्रतिशत कम मामले आए सामने
Stubble Burning in Punjab (आज समाज), चंडीगढ़ : पंजाब सहित उत्तर भारत में बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब के कृषि मंत्री ने कहा कि इस समस्या का संबंध केवल धान के अवशेष जलाने से नहीं है। कृषि मंत्री ने कहा कि हम मानते हैं कि धान के अवशेष जलाने से वायु प्रदूषण होता है लेकिन केवल इन्हीं से वायु प्रदूषण हो रहा है यह कहना गलत है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपने स्तर पर किसानों को जागरूक करने का हर प्रयत्न कर रही है। जिला व ब्लॉक स्तर पर अधिकारी किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक कर रहे हैं। यही कारण है कि इस साल पिछले साल के मुकाबले किसानों ने 16 प्रतिशत कम पराली जलाई है। कृषि मंत्री ने आंकड़े साझा करते हुए बताया कि इस साल 23 अक्तूबर तक 1,638 स्थानों पर पराली जलाई गई है, जो पिछले साल के 1,946 मामलों से काफी कम है।
उन्नत किसान मोबाइल ऐप का लाभ उठाएं किसान
कृषि मंत्री ने ‘उन्नत किसान’ मोबाइल ऐप शुरू करने के बारे में भी जानकारी दी, जिसके माध्यम से छोटे और सीमांत किसानों को पराली प्रबंधन मशीनों की आसान पहुँच प्रदान करने के लिए 1.30 लाख सीआरएम मशीनों को इस ऐप से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि इस साल पराली प्रबंधन के लिए 500 करोड़ रुपये की कार्य योजना बनाई गई है और मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार इस समस्या से निपटने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं में कमी आना, पंजाब सरकार और किसान समुदाय के ठोस प्रयासों का प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने कहा कि हमारी पहलकदमियों, जिनमें सीआरएम मशीनों की व्यवस्था और नोडल अधिकारियों की नियुक्ति शामिल है, के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘उन्नत किसान’ मोबाइल ऐप हमारे किसानों को पराली प्रबंधन के साधनों तक आसान पहुंच प्रदान करके उन्हें इस समस्या से निपटने में सरकार के प्रयासों में सहयोग प्रदान कर रहा है।
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