राजीव मिश्र।लखनऊ। कानपुर नगर के चौबेपुर थानाक्षेत्र के बिकरू गांव में शुक्रवार रात ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर कुख्यात विकास दुबे ने डीएसपी सहित आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। उनकी गोलियों से सात पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इस घटना की सूचना के साढ़े तीन घंटे बाद एसएसपी दिनेश कुमार पी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे और बाद में आईजी मोहित अग्रवाल भी। आप जब मुठभेड़ की पुलिसिया कहानी पढ़ेंगे तो हैरान हो जाएंगे। उसकी फर्द में लिखा है कि जब पुलिस टीम ने विकास दुबे को घेरा तो उसकी तरफ से चलाई गई एक गोली एसएसपी की छाती में जा घुसी और दूसरी आईजीपी मोहित अग्रवाल की कनपटी को छूती हुई निकल गई। यह दोनों सुरपकॉप की तरह इसके बाद भी मौके पर डटे रहे।
देशभर में सनसनी मचाने और पुलिस के मनोबल को तोड़ने वाली घटना जब कानपुर में घटी तो पूरा देश इसके हर पल को जानना चाहता है। ऐसे में हमने फर्द एफआईआर पर नजर डाली। अपने पुलिसजनों के शहीद हो जाने की खबर पर साढ़े तीन घंटे बाद मौके पर पहुंचे एसएसपी दिनेश कुमार ने इलाके की नाकेबंदी करवा दी। कुछ देर में आईजीपी मोहित अग्रवाल भी पहुंच गये। उन्होंने इलाके को घेर लिया और विकास दुबे और उनके साथियों की घेराबंदी करके ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। दोनों तरफ से लगातार फायरिंग हो रही थी। पुलिस टीम ने काशीनेवादा गांव में पांच संदिग्धों को टीम ने रोकने का प्रयास किया तो वो भागने लगे और पुलिस पर फायरिंग कर दी। मुठभेड़ की अगुआई कर रहे एसएसपी दिनेश कुमार पी संदिग्धों के करीब पहुंचे तो उन्होंने एक गोली एसएसपी के सीने में लगी लेकिन बुलेटप्रूफ जैकेट होने से वह बाल-बाल बच गए। तब बहादुरी के साथ आईजी आगे बढ़े तभी उनके सिर को निशाना बनाकर चलाई गई गोली उनकी कनपटी और बालों को छूते हुए निकल गई। एसपी पश्चिमी ने कवर फायर दिया। इस
पुलिस मुठभेड़ की कहानी कहती है कि उसने बहादुरी से मुकाबला किया। पुलिस फायरिंग में विकास दुबे का चचेरे भाई अतुल दुबे और उसके 72 वर्षीय बुजुर्ग मामा प्रेमप्रकाश पांडेय को मार गिराया गया। हालांकि पुलिस विकास दुबे और उसके साथियों को नहीं मार सकी। मगर उसका दावा है कि विकास समेत भागे हुए सभी बदमाशों का यही हाल होगा। उसके पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि बुजुर्ग मामा और चचेरे भाई किस अपराध में संलिप्त रहे हैं क्योंकि गांव के लोग इन दोनों को काफी शरीफ बताते हैं।
हरियाणा-दिल्ली सहित कई राज्यों में हो रही तलाश
राज्य के डीजीपी एचसी अवस्थी के मुताबिक विकासी की तलाश प्रदेश में ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों में भी की जा रही है। वहां पुलिस टीमें विकास दुबे को खोजने को भेजी गई हैं। डीजीपी ने कहा यह घटना आतंकी घटना है। आतंकवादियों का जो हाल किया जाता है। वही हाल विकास दुबे और उसके गुर्गों का होगा। प्रदेश पुलिस सीधे और सरकार के माध्यम से दिल्ली, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान और हरियाणा के पुलिस अधिकारी के लगातार संपर्क में हैं। विकास की तलाश के लिए शहर के सभी थानों में दो टीमें बनाने के निर्देश दिए हैं। जो पुलिस कर्मी जिस काम में एक्सपर्ट है उसे वह कार्य सौंपा गया है।