आम तौर पर अगर आपकी बात ग़लत साबित हो जाए तो गुस्सा आता है लेकिन भारत-ऑस्ट्रेलिया मैच की मेरी भविष्यवाणी ग़लत साबित होने के बावजूद मुझे बहुत खुशी हुई। सचमुच टीम इंडिया ने वह कर दिखाया, जिसकी किसी ने शायद ही इतनी उम्मीद की होगी। हमारी टीम ने साबित कर दिया कि हमारी बेंच स्ट्रैंथ भी ऑस्ट्रेलिया पर भारी साबित हुई। हालांकि भारतीय टीम ने पिछली बार भी ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज़ जीती थी लेकिन तब यह कहकर उसका महत्व कम करने की कोशिश की गई कि उस टीम में उनके दो प्रमुख बल्लेबाज़ डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ नहीं हैं लेकिन इस बार उनकी प्रमुख खिलाड़ियों से युक्त टीम को हमारी बेंच स्ट्रैंथ ने पटखनी दे डाली। वास्तव में ये घटना भारतीय खेल इतिहास में 1983 के वर्ल्ड कप के बाद की सबसे बड़ी घटना है।
अब यह बात स्पष्ट हो गई है कि जिस तरह आईपीएल में शानदार प्रदर्शन करके आप सेलिब्रिटी बन जाते हैं तो वहीं टेस्ट क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करके आप रीयल हीरो बन जाते हैं। आप एक बड़ी पीढ़ी के प्रेरक बन जाते हैं। आज शुभमन गिल, पुजारा, ऋषभ पंत सहित शार्दुल, सीराज, वाशिंग्टन सुंदर हीरो बन गए हैं। दरअसल आईपीएल ने इन दिग्गजों के साथ खेलने से वह डर खत्म कर दिया है जो कभी पहले टीम इंडिया के खिलाड़ियों में रहता था। युवा ब्रिगेड ने साबित कर दिया कि ब्रिसबेन में भी चौथी पारी में रनों का पीछा करके मैच जीत जा सकता है और ऑस्ट्रेलिया के 32 साल से ब्रिसबेन में न हारने के सिलसिले तो भी तोड़ा जा सकता है।
शुभमन गिल ने आईपीएल के दौरान ही एक बड़ा खिलाड़ी बनने की झलक दिखा दी थी। वह अक्सर मुझे दिलीप वेंगसरकर की याद ताज़ा कराते हैं। वह भी उनकी तरह स्ट्रेट रहकर ऑन द राइज़ खेलते हैं। उनके टाइमिंग गज़ब के हैं। वह वास्तव में गिफ्टेड खिलाड़ी हैं। उनके पास पर्याप्त शॉट्स हैं। वह अब ग्रेसफुल खिलाड़ी की श्रेणी में आ गए हैं। वहीं ऋषभ पंत ने आज चयनकर्ताओं को करारा जवाब दिया। उन्हें टी-20 और वनडे टीम में नहीं चुना गया था। शायद आईपीएल के उनके प्रदर्शन के आधार पर ऐसा किया गया। अब चयनकर्ताओं को भी पता चल गया होगा कि इतने टैलंटेड खिलाड़ी को बाहर रखना उचित नहीं है। वहीं पुजारा ने वही काम किया जिसके लिए वह जाने जाते हैं। बहुत लोग उनकी धीमी बल्लेबाज़ी के लिए उनकी आलोचना किया करते थे लेकिन मेरे ख्याल से टीम में हर व्यकित का अपना रोल है। मुझे खुशी है कि इन खिलाड़ियों ने अपने रोल को बखूबी निभाया है।
शार्दुल ठाकुर बेशक उस क्लास के बॉलर नहीं है लेकिन वह अपने अनुभव का अच्छा इस्तेमाल करते हैं और टीम के लिए बहुत ही उपयोगी खिलाड़ी साबित हुए हैं। उनकी बल्लेबाज़ी उनके लिए बहुत बड़ा बोनस है। वहीं मोहम्मद सीराज ने सही स्पॉट पर गेंदबाज़ी की। उनके पास अच्छी स्विंग हैं। वह एक अच्छे क्वालिटी बॉलर बन सकते हैं। आखिर में मैं रहाणे की कप्तानी की खास तौर पर तारीफ करूंगा। उनकी शैली विराट से अलग है। उन्होंने सीमित संसाधनों में एग्रेसिव फील्ड लगाकर बहुत शातिर अंदाज़ दिखाया।
अतुल वासन
(लेखक टीम इंडिया के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ और क्रिकेट समीक्षक हैं)