आज समाज डिजिटल, शिमला:
प्राइमरी कक्षा के 153 सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में एक भी विद्यार्थी का दाखिला नहीं हुआ। इस वजह से यहां ताले लटक रहे हैं। शिमला में सबसे अधिक 39, कांगड़ा में 30 और मंडी में ऐसे 26 स्कूल हैं। 10 विद्यार्थियों की संख्या वाले 2,100, छह से नौ बच्चों वाले 1,274 और पांच बच्चों वाले 673 स्कूल हैं। शून्य दाखिलों वाले स्कूलों के भविष्य के लिए सरकार के पास केवल मंथन है।
शिक्षकों को करेंगे एडजस्ट
इन स्कूलों में नियुक्त करीब 250 शिक्षकों को अध्यापकों की कमी से जूझ रहीं पाठशालाओं में भेजा जाएगा। प्रधान सचिव शिक्षा डॉ. रजनीश ने बताया कि सरकार को अवगत करवा दिया गया है। सरकार के निर्देशानुसार आगामी कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश में प्राइमरी स्कूलों की संख्या करीब 10,500 है। पूर्व सरकारों के कार्यकाल के दौरान कई जगह एक से दो किलोमीटर की दूरी पर प्राइमरी स्कूल खोल दिए गए थे।
पेयजल और शौचालयों की सुविधा भी दूर
एक से दो कमरे वाले इन स्कूलों में पहली से पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों को बैठाया जाता है। कई स्कूलों में पीने के पानी और शौचालयों का उचित बंदोबस्त भी नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में खुले प्राइमरी स्कूलों की हालत भी बहुत दयनीय है। ऐसे में प्रदेश में निजी स्कूलों की बढ़ती संख्या और सरकारी स्कूलों में अभिभावकों के घटते विश्वास के चलते साल दर साल सरकारी पाठशालाओं में विद्यार्थियों की संख्या घट रही है।
जिला शून्य 1-5 6-10 0-10
बिलासपुर 8 13 64 85
चंबा 11 48 89 148
हमीरपुर 6 20 16 15
कांगड़ा 3 0 86 187 303
किन्नौर 9 32 34 75
कुल्लू 8 21 61 90
लाहौल स्पीति 5 71 25 101
मंडी 26 114 244 384
शिमला 39 174 352 565
सिरमौर 3 28 70 101
सोलन 4 29 71 104
ऊना 2 6 25 33
कुल 153 673 1,274 2,100