गंभीर रोग सर्दियों के मौसम में ज्यादा तकलीफदेह हो जाते हैं। इस मौसम को दमा के मरीजों और डाइबिटीज के मरीजों के लिए अच्छा नहीं माना जाता लेकिन हार्ट के रोगियों को भी इस मौसम में बहुत सारी सावधानियों की जरूरत पड़ती है। सर्दियों में गंभीर रोग हमें कई तरह से प्रभावित करते हैं। ठंड में नसें सिकुड़ जाती हैं जिसके कारण कभी-कभी नसों को हार्ट तक ब्लड पहुंचाने में असुविधा होती है। इस कारण ठंड में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन अगर थोड़ी सावधानी रखी जाए, तो इस खतरे से बचा जा सकता है। ठंड में हार्ट के मरीजों को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
ठंड में न निकलें
ठंड बहुत ज्यादा हो तो घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। अगर निकलना जरूरी हो तो पूरे शरीर को गर्म कपड़ों से अच्छे से ढक कर ही निकलें। ठंड सबसे ज्यादा सिर और पैरों से प्रभावित करती है इसलिए इस मौसम में पैरों में जूते-मोजे पहनकर निकलें और सिर को अच्छे से ढक कर ही निकलें।
नमक कम खाएं
हार्ट के मरीजों को सर्दियों में नमक कम खाना चाहिए। इस मौसम में घी, मक्खन और वसा वाली चीजों का प्रयोग कम कर देना चाहिए और फास्ट फूड के सेवन से बचना चाहिए। इससे शरीर में वसा जमता नहीं है और ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण रहता है।
नशीले पदार्थों का सेवन खतरनाक है
हार्ट के मरीजों को नशीले पदार्थों का सेवन, बीड़ी, सिगरेट आदि का प्रयोग नहीं करना। नशीले पदार्थों से रक्तवाहिनियां संकरी हो जाती है और हार्ट तक ब्लड पहुंचने में समस्या आती है। ठंड में संकरी रक्तवाहिनियों में कई बार खून जम जाता है तो नसें फट भी सकती हैं।
सुबह-शाम टहलें
ठंड में घर से बाहर निकलना तो अच्छा नहीं है लेकिन पर्याप्त गर्म कपड़े पहनकर अगर आप रोज दो-तीन किलोमीटर टहलते हैं तो इससे आपके शरीर में गर्मी बनी रहेगी और ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहेगा। इससे अनावश्यक फैट बर्न हो जाता है जिससे इसका जमाव नहीं हो पाता।
तनाव से बचें
तनाव किसी भी मौसम में हार्ट के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है। इस मौसम में आप अपनी शारीरिक हेल्थ के अलावा मेंटल हेल्थ का भी अच्छे से खयाल रखें क्योंकि शरीर और दिमाग के स्वास्थ्य का असर एक-दूसरे पर पड़ता है। सर्दियों में गुनगुनी धूप में थोड़ी देर रहें मगर दिन में 11 बजे के बाद की धूप में ज्यादा देर न रहें। अपने शरीर को हमेशा गर्म रखें।