प्रेगनेंसी के दौरान कुछ योगासन महिला और शिशु दोनों के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं, लेकिन किसी भी योगासन को करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेनी जरूरी है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान हर महिला की स्थिति अलग होती है। गर्भवती महिलाओं के लिए पर्वतासन काफी अच्छा माना जाता है। ये आसान व्यायामों में से एक है। इससे आपको पीठ, कंधे और गर्दन आदि शरीर के तमाम हिस्सों के दर्द में आराम मिलेगा। इसे करने के लिए आलती-पालथी मरकर सीधे बैठ जाएं और सामान्य सांस लें। अब अपनी बाहों को ऊपर उठाएं और हथेलियों को आपस में ऐसे जोड़ें कि नमस्ते की स्थिति बन जाए। इस दौरान अपने हाथों को सीधा रखें, कोहनियां मुड़ने न पाएं. कुछ देर इसी स्थिति में रहें। इसके बाद वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं। एक बार में 4 से 5 बार इस क्रम को दोहराएं।
मार्जरीआसन को मार्जरासन और कैट पोज भी कहा जाता है। ये आसन आपके शरीर में रक्त प्रवाह बेहतर करता है, मन शांत करता है, पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है और रीढ़ और पीठ की मांसपेशियों का लचीला बनाता है। इसे करने के लिए अपने घुटनों के बल झुकें और अपने दोनों हाथों को फर्श पर आगे की ओर रखें। घुटनों और हाथों के बल शरीर को उठाकर रखें। अपना सिर सीधा रखें। गहरी सांस लें और अपने सिर को थोड़ा पीछे ले जाते हुए अपनी ठुड्डी को ऊपर उठाएं। अपने कूल्हों को टाइट रखें। गहरी सांस लेते हुए इस मुद्रा में कुछ देर रुकें। फिर धीरे धीरे सामान्य स्थिति में लौट आएं। इस क्रम को 4 से 5 बाद दोहराएं। वैसे तो ये सभी योगासन गर्भावस्था में फायदेमंद हैं, लेकिन फिर भी आप इन्हें करने से पहले एक बार विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें और किसी की देखरेख में ही करें।
त्रिकोणासन शरीर का संतुलन ठीक करता है। एसिडिटी से राहत दिलाने के साथ कमर और पीठ दर्द में आराम दिलाता है और मोटापे व स्ट्रेस से दूर रखता है। इसे करने के लिए योग मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। दोनों पैरों के बीच में करीब 4 फीट का गैप रखें। हाथों को सीधा रखें। इसके बाद अब अपनी बाईं ओर झुकें और अपने बाएं हाथ से अपने बाएं पैर को छूने की कोशिश करें और दाएं हाथ को आसमान की ओर ले जाएं। इस दौरान अपने चेहरे को भी आसमान की ओर रखें और आंखों से आसमान की ओर निहारें। कुछ सेकंड इस मुद्रा में रहें। फिर वापस समान मुद्रा में आ जाएं। इस क्रम को दूसरी तरफ से दोहराएं। प्रेगनेंसी के दौरान इसे संभलकर और किसी की देखरेख में करें।
भद्रासन को भी प्रेगनेंसी में काफी लाभकारी माना जाता है। ये दिमाग को शांत करता है, वेरिकोज वेन्स की समस्या से बचाता है, पाचन क्रिया दुरुस्त करता है और पेल्विक एरिया को मजबूत बनाने में मददगार है। इसे करने के लिए पैरों को पूरी तरह फैलाकर चटाई पर बैठें। इसके बाद पैरों को धीरे से मोड़ते हुए शरीर के पास लेकर आएं और दोनों तलवों को आपस में मिला दें। ये पैरों से नमस्ते की स्थिति बन जाएगी। अब स्ट्रेट बैठें और अपने हाथों को घुटनों या टखनों पर रखें. कुछ देर इसी मुद्रा में रहें। फिर पैरों को सामान्य स्थिति में ले आएं इस क्रम को 4 से 5 बार दोहराएं।
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