नई दिल्ली। यूपी में प्रियंका गांधी द्वारा प्रवासी श्रमिकों को पहुंचाने के लिए 1000 बसोंको कांग्रेस की ओर से चलवानेकी अनुमति मांगी थी। लेकिन इस प्रकणन ने इतना तूल पकड़ा कि बसें तो नहीं चल पार्इं लेकिन दो दिनों तक इस मुद्दे पर राजनीति जमकर हुई। एक के बाद एक पत्र लिखे गए। बसों की सूची यूपी स रकार द्वारा मांगी गई, कांग्रेस की ओर से इसे देने के बाद कहा गया कि सूची में कई वाहनों की गलत सूचना दी गई है। कांग्रेस की बसें यूपी बार्डर पर खड़ी रहीं लेकिन इन बसों को यूपी में प्रवेश की अनुमति नहीं मिल सकी। अनुमति नहीं मिलनेक ेबाद आज शाम चार बजे बसों को लौटा दिया गया। प्रियंका गांधी ने इसके बाद कहा कि श्रमिक भाई-बहनों के लिए ये संकट का समय है। इस समय संवेदना के साथ उनकी मदद करना ही हम सबका उद्देश्य है। यह समय राजनीति करने का नहीं है। यूपी में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने अपना एक वीडियों संदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि हम सबको अपनी जिम्मेदारी समझनी पड़ेगी, ये सिर्फ भारत के लोग नहीं हैं। ये भारत के वो लोग हैं जो भारत की रीढ़ की हड्डी हैं। जिन्होंने ये इमारतें बनाई हैं, जिनमें हम रहते हैं। प्रियंका गांधी ने कहा कि इन लोगों से ये देश चलता है। जिनके खून और पसीने से ये देश चलता है। इनके लिए हम सब की जिम्मेदारी है। हमारी है, सरकार की है, सबकी है। बहुत ही स्पष्ट हूं कि हर राजनीति दल बिना राजनीति के इन लोगों के लिए पूरी सेवा भाव से उपलब्ध हों। प्रियंका गांधी ने कहा कि लॉकडाउन के लगते ही हमनें हर जिलों में वॉलेंटीयर ग्रुप बनाए जिसको हमने कांग्रेस का सिपाही नाम दिया। इनके जरिए हम लोगों को खाना और सेवा भाव कर रहे हैं।