गर्दन की मोच सुनने में जरूर एक बहुत छोटी और आम समस्या लग रही है। लेकिन जो व्यक्ति इस समस्या से गुजरता है उसे ही इसके असली दर्द और तकलीफ के बारे में पता होता है। आज घंटों डेस्क पर बैठकर काम करना हमारी मजबूरी हो गया है। ऐसे में गर्दन दर्द एक सामान्य समस्या होती जा रही है। लेकिन कुछ परिस्थितियों में यह गंभीर रूप भी ले लेती है। गर्दन दर्द किसी पुरानी चोट या स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण भी हो सकता है। गलत ढंग से बैठने, लेटकर टीवी देखने या बिस्तर पर टेढ़े लेटने से भी हो जाती है।
गर्दन दर्द के कारण
हालांकि गर्दन में दर्द या मोच आने के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन इसके मुख्य कारण हैं जैसे लंबे सामय तक डेस्क का काम, लगातार सिर झुकाकर काम करना, सोने का गलत पोस्चर या कठोर तकिए का इस्तेमाल, किसी प्रकार की चोट के कारण हड्डियों का अपने स्थान से खिसक जाना, ट्यूमर या मांस पेशियों में मोच, गर्दन के स्पाइन में अर्थराइटिस, भारी वस्तु्ओं को उठाने का काम, तनाव या स्वास्थ्य संबंधी दूसरी समस्याएं इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है।। उम्र का तकाजा होने और तरह तरह की टूट−फूट के कारण गर्दन दर्द के जाल में फंस जाती है। कभी−कभी तंत्रिकाओं के दबने से दर्द कंधों, छाती और बाहों में भी जाने लगता है।
गर्दन में दर्द के लिए एक्सरसाइज
सबसे पहले पैरों के बीच हल्का सा गैप रखते हुए कुर्सी पर सीधे बैठ जाएं। अपने दाएं हाथ को सिर के पिछले हिस्से पर रखें और हल्का सा दवाब बनाते हुए सिर को चारों दिशाओं में धीरे धीरे घुमाएं। लगभग एक से दो मिनट का ब्रेक देकर अब धीरे धीरे एंटी क्लॉकवाइज घुमाएं। इस प्रक्रिया को आपको कम से कम चार से पांच बार करना है। इस पूरी प्रक्रिया के वक्त अपनी गर्दन पर ज्यादा स्ट्रेस ना पड़ने दें।
इसके अलावा कंधों की एक्सरसाइज करने से भी आपको इस दर्द से राहत मिल सकती है। इस एक्सरसाइज के लिए पैरों के बीच हल्का सा गैप रखते हुए कुर्सी पर सीधा बैठ जाएं और अपने दोनों हाथों की उंगुलियों को कंधे पर रखें। अब हाथों को गोल- गोल घुमाएं, जिससे कंधे रोल करें। इस प्रक्रिया को करीब 8 बार क्लॉकवाइज और एंटीक्लॉकवाइज दोहराएं।
कैसे करें बचाव
अगर आपको लंबे समय से गर्दन में दर्द की शिकायत है, तो व्यायाम या योगा को अपनी आदत में शामिल करें। असहनीय दर्द की स्थिति में, चिकित्सक से परामर्श लेकर उचित उपचार करें क्योंकि चिकित्सा के अभाव में यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है। गर्दन दर्द की समस्या किसी खास उम्र के लोगों को नहीं होती है। अब इस समस्या से सिर्फ 40 साल के आस-पास के लोग ही पीडि़त नहीं होते हैं, बल्कि आजकल यह परेशानी युवा वर्ग के लोगों में भी देखने को मिलती है।