Himachal Pradesh : शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार किसी भी कीमत पर हिमाचल प्रदेश के अधिकारों के साथ समझौता नहीं होने देगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार 210 मेगावाट लूहरी जल विद्युत परियोजना चरण-1,066 मेगावाट धौलासिद्ध विद्युत परियोजना और 382 मेगावाट सुन्नी विद्युत परियोजनाओं को अपने अधीन लेने के लिए उच्च न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका दायर करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर परियोजना निष्पादित करने वाली कंपनियां सरकार की शर्तों को स्वीकार नहीं करती हैं तो इन परियोजनाओं का राज्य सरकार अधिग्रहण करेगी। उन्होंने कहा कि हालांकि राज्य में हाल के वर्षों में निवेश में कमी आई है लेकिन राज्य सरकार हिमाचल के अधिकारों की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार व्यवस्था परिवर्तन के माध्यम से आत्मनिर्भर हिमाचल प्रदेश की ओर बढ़ रही है। उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सरकार द्वारा किए जा रहे महत्वपूर्ण सुधारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस दिशा में आवश्यक कानूनी संशोधन किए जा रहे हैं।
इन सुधारों के सकारात्मक परिणाम राज्य सरकार के पहले 2 बजट में परिलक्षित होते हैं जिससे समाज के सभी वर्गों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वरिष्ठ अधिवक्ताओं के लिए कल्याणकारी योजना शुरू करने पर विचार कर रही है।
उन्होंने चुनौतियों का सामना करने के अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि पिछली भाजपा सरकार से वर्तमान राज्य सरकार को विरासत में मिली आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए वित्तीय अनुशासन पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि हिमाचल प्रदेश में कोई वित्तीय संकट नहीं है। अगर कोई आर्थिक संकट होता तो राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना और महिलाओं के लिए 1,500 रुपए प्रति माह पेंशन बहाल नहीं की जा सकती थी। उन्होंने कहा कि सरकार पूरे विवेक के साथ वित्तीय प्रबंधन पर काम कर रही है।
सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अपने छात्र जीवन को याद किया और कहा कि समाजसेवा और राजनीति क्षेत्र में उनकी गहरी रुचि रही है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से LLB की डिग्री हासिल की है। आज हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के कई वरिष्ठ अधिवक्ता उनके सहपाठी या विद्यार्थी जीवन के मित्र हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 में बार एसोसिएशन के चुनाव में उन्होंने भी मतदान किया था। उन्होंने वकालत करने के बारे में भी सोचा था लेकिन राजनीति के प्रति जुनून ने उन्हें शिमला नगर निगम में पार्षद बनने और बाद में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री ने लोकतंत्र में न्यायपालिका की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया और न्यायपालिका तथा राज्य सरकार के बीच निरंतर सहयोग की आशा व्यक्त की।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लगाए गए रक्तदान शिविर में रक्तदान करने वाले अधिवक्ताओं और विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में विजेता रहे अधिवक्ताओं को सम्मानित किया। महाधिवक्ता अनूप रतन ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दिलीप कायथ ने मुख्यमंत्री को मांग-पत्र सौंपा जिस पर मुख्यमंत्री ने विचार करने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा, विधायक कुलदीप सिंह राठौर, पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज, उप-महाधिवक्ता बलराम शर्मा, हिमाचल प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष लवनीश कौशल, वरिष्ठ अधिवक्ता तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। Himachal Pradesh
यह भी पढ़ें : Water Sports in UP : काशी, अयोध्या व मथुरा में होंगे वाटर स्पोर्ट्स
(Yamunanagar News) रादौर। कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा के बेटे नेपाल राणा ने शनिवार की…
(Yamunanagar News) यमुनानगर। भाजपा जिला अध्यक्ष राजेश सपरा ने जानकारी देते हुए बताया कि भाजपा…
(Yamunanagar News) यमुनानगर। उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने बताया कि हरियाणा योग आयोग और आयुष…
(Yamunanagar News) यमुनानगर। जिलाधीश कैप्टन मनोज कुमार ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा…
(Yamunanagar News) यमुनानगर। विश्व संवाद केंद्र की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय डॉक्यूमेंट्र व रील…
(Yamunanagar News) यमुनानगर। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण, मत्स्य व पशुपालन मंत्री श्याम सिंह…