Punjab News (आज समाज) चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब कैबिनेट ने करदाताओं को सुविधा देने और कर अनुपालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कैबिनेट ने इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटरों और क्रेडिट के वितरण को परिभाषित करने के लिए ‘पंजाब गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स अधिनियम, 2017’ में संशोधन की मंजूरी दे दी।
इस फैसले से मानव उपभोग के लिए एल्कोहलिक लिकर के उत्पादन में अतिरिक्त नेचुरल अल्कोहल का उपयोग राज्य जी.एस.टी. के दायरे से बाहर हो जाएगा। इसके अलावा तलब किए गए व्यक्ति के स्थान पर उसका कोई अधिकृत प्रतिनिधि सक्षम प्राधिकारी के समक्ष पेश हो सकेगा और वित्तीय वर्ष 2024-25 की मांगों के समक्ष डिमांड नोटिस और आदेश जारी करने के लिए समय सीमा घटाकर 42 महीने हो जाएगी।
इसका उद्दे अपील अथॉरिटी के सामने अपील दर्ज करने के लिए अग्रिम राशि के अधिकतम सीमा को 25 करोड़ से कम कर 20 करोड़ रुपए करना है ताकि वित्तिय वर्ष 2017-18, 2018-19 व 2019-20 के लिए इस अधिनियम की धारा 73 के अंतर्गत जारी डिमांड नोटिसों के कारण लगे जुर्माने व ब्याज की शर्त सहित माफी मिल सके। इससे पी.जी.एस.टी अधिनियम की धारा 168ए पिछले समय 31 मार्च 2020 से प्रभावी बनेगी।
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