बाढ़ में टूटी सड़क का नहीं हुआ समाधान, पहले आते थे सरकारी स्कूल में जिस गांव से 82 बच्चे अब आधे भी नहीं आते स्कूल

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There was no solution to the road broken in the flood.
बाढ़ में टूटी सनौली कलां व नवादा आर गांव की बीच की सड़क का दृश्य।
  • बच्चों के अभिभावक सरकारी स्कूल में सर्टिफिकेट लेने पहुंचे,कहा-बच्चों को सड़क पर भेजकर नहीं धकेलना चाहते काल के मुंह में

 

Aaj Samaj (आज समाज),पानीपत : सनौली खुर्द खंड के गांव सनौली कलां और नवादा आर के बीच सड़क टूटने से 82 विद्यार्थियों भविष्य अंधकारमय में होने जा रहा है। हालात यह हैं कि प्रशासन को शिकायत के बावजूद एक ही जवाब मिलता है कि टेंडर लगा दिया गया है,लेकिन समस्या ज्यों की त्यों है। जिस कारण सनौली कलां गांव के सरकारी स्कूल में पढने के लिए नवादा आर गांव से जाने वाले बच्चों को परेशानी का सामना करना पड रहा है और बच्चों को अब सीधा जाने की बजाए कई किलोमीटर सडक के रास्ते का चक्कर काटकर जाना पड रहा है। जिससे बच्चों को वाहनों की संख्या रोड पद ज्यादा चलने से दुर्घटना का डर सताता रहता है। वही बच्चों के अभिभावकों में रोष व्याप्त है। बुधवार को बच्चों के अभिभावक स्कूल में पहुंचें और बच्चों के एस.एल.सी. लेने की मांग की।

 

 

There was no solution to the road broken in the flood.
स्कूल प्रधानाचार्य से बच्चों का सर्टिफिकेट लेने की मांग करते अभिभावक।

 

करीब 6 फीट गहरा गड्ढा बन गया

विद्यार्थियों के अभिभावकों को गांव सनौली कलां स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य सतबीर सिंह मलिक काफी समझा बूझा रहे हैं पर अभिभावक है कि रास्ता बनाए जाने से कम कुछ भी मानने को तैयार नहीं हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन इस रास्ते को बनाकर इन बच्चों का भविष्य सुरक्षित करेगा या यह बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाएंगे। उल्लेखनीय है कि बारिश के दिनों में यमुना में आई बाढ़ के दौरान गांव नवादा और एवं सनौली कलां के बीच करीब 1 किलोमीटर की सड़क का कुछ हिस्सा से बाढ़ में बह गया था। जहां पर करीब 6 फीट गहरा गड्ढा बन गया है। इसके बाद से प्रशासन ने इसकी सुध नहीं ली है। वहीं इस रास्ते से गांव नवादा आर के 82 विद्यार्थी कक्षा नौवीं, दसवीं 11वीं व 12वीं में शिक्षा ग्रहण करने के लिए गांव सनौली कलां के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आते हैं। अब इस सड़क के टूट जाने के बाद आधे से ज्यादा विद्यार्थियों ने स्कूल आना बंद कर दिया है खासकर के लड़कियों ने। जो विद्यार्थी स्कूल में पहुंच रहे हैं उन्हें दूसरे रास्ते से स्कूल में पहुंचना पड़ रहा है जो करीब 6 किलोमीटर ज्यादा लंबा पड़ रहा है। जिसमें उनका काफी समय बर्बाद हो जाता है।

 

अभिभावकों ने बच्चों के स्कूल छोडऩे के प्रमाण पत्र मांगने शुरू कर दिए

कई महीनो के इंतजार के बावजूद भी नवादा आर एवं सनौली कलां की इस लिंक सड़क को नहीं बनाए जाने पर अब अभिभावकों ने स्कूल पहुंचकर अपने बच्चों के स्कूल छोडऩे के प्रमाण पत्र मांगने शुरू कर दिए हैं ताकि वह उन्हें कहीं अन्य स्कूलों पर पढ़ सके या फिर अपने घर ही बैठ सकें। अपने बच्चों के प्रमाण पत्र लेने स्कूल पहुंच रहे अभिभावकों को इस स्कूल के प्रधानाचार्य सतबीर सिंह मलिक समझा रहे हैं कि शीघ्र इस समस्या का समाधान निकल आएगा। इसलिए वह अपने बच्चों का भविष्य खराब ना करें। आज स्कूल में पहुंचने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों में प्रकाश, कृष्ण, सुनीता, आजाद, साहिल, शिमला, प्यारा, सुभाष, आशीष,पालेराम व सूरत सिंह आदि शामिल रहे।

 

 

There was no solution to the road broken in the flood.
बच्चों के अभिभावकों को समझाने का प्रयास करते प्रधानाचार्य सतबीर मलिक।

 

सड़क से बच्चों को दुर्घटना का रहता है डर

सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे पहले सीधा गांव से दूसरे गांव के स्कूल में करीब एक किलोमीटर दूर तक पैदल चले जाते थे, लेकिन अब सउक टूटने के बाद करीब 6 किलोमीटर सनौली रोड से घूमकर जाना पड़ता है। जिस पर वाहनों की भरमार होने से बच्चों को दुर्घटना का डर सताता रहा है। बच्चों को मौत के मुंह में धकलने से अच्छा है कि वो उन्हे घर पर ही रख ले, ताकि वो सुरक्षित तो रहेंगे।

 

वर्जन

इस बारे में जब स्कूल के प्रधानाचार्य सतबीर सिंह मलिक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह एक गंभीर मसला है। जिसको लेकर वह दोनों गांव की ग्राम पंचायतों को अवगत करा चुके हैं। इतना ही नहीं जन संवाद कार्यक्रम के दौरान विधायक भव्य बिश्नोई के सामने भी इस समस्या का समाधान करने की गुहार लगाई गई थी। उन्होंने कहा कि जब तक यह सडक़ नहीं बन जाती तब तक प्रशासन को चाहिए कि वह गांव नवादा आर से सनौली कलां तक रोडवेज की एक बस का प्रबंध करें ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। दरअसल फिलहाल इस सडक़ के टूटने से इस स्कूल में पढ़ रहे नवादा आर 82 विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में है खासकर बोर्ड की कक्षा में पढऩे वाले विद्यार्थियों का। उन्हें हर रोज स्कूल में प्रमाण पत्र लेने पहुंच रहे अभिभावक को समझा जाकर वापस भेजना पड़ रहा है।

 

वर्जन

इस बारे में जब गांव सनौली कलां की सरपंच काजल के प्रतिनिधि सुशील कश्यप से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि नवादा आर एवं सनौली कलां ग्राम पंचायत ने लिखित में सांसद संजय भाटिया को यह शिकायत दी हुई है। सांसद ने बताया था कि इसका टेंडर लगा दिया गया है अभी ओपन नहीं हुआ है। मीडिया के माध्यम से सांसद एवं जिला प्रशासन से मांग करते हैं कि गांव नवादा आर व सनौली कलां के बीच टूटी हुई इस सड़क को तुरंत बनवाया जाए, ताकि विद्यार्थियों का भविष्य खराब ना हो।

 

वर्जन

मार्केटिंग बोर्ड के एस.डी.ओं. खिलाडी त्यागी का कहना है कि उक्त टेंडर हो चुका है एजेंसी की अनुमति आनी है। अनुमति आने के उपरांत कार्य शुरू करवा दिया जाएगा।

 

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