Delhi News: देश में सेक्युलर सिविल कोड हो: पीएम मोदी

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देश में सेक्युलर सिविल कोड हो: पीएम मोदी
देश में सेक्युलर सिविल कोड हो: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने 11वीं बार स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर तिरंगा फहराया
कहा- 75 हजार नई मेडिकल सीटें बनेंगी
कोलकाता रेप-मर्डर पर कहा- राक्षसों को फांसी हो
Delhi News (आज समाज) नई दिल्ली: पीएम मोदी ने 11वीं बार स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर तिरंगा फहराया। ऐसा करने वाले वह तीसरे पीएम बने। उनके पहले पंडित नेहरू ने 17 बार, इंदिरा गांधी ने 16 बार लाल किले से झंडा फहराया था। देश आज 15 अगस्त को अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11वीं बार लाल किले से तिरंगा फहराया। अपने 103 मिनट के भाषण में मोदी ने कहा- आजादी के दीवानों ने आज हमें स्वतंत्रता की सांस लेने का सौभाग्य दिया है। ये देश महापुरुषों का ऋणी है। आजादी के बाद देशवासियों को माई-बाप कल्चर से गुजरना पड़ा था। हमने गर्वनेंस के इस मॉडल को बदला। आज सरकार खुद जनता की जरूरतें पूरी कर रही है। देश में 75 सालों से कम्युनल सिविल कोड है। अब देश को सेक्युलर सिविल कोड की जरूरत है। हमारे देश के बच्चों को जाने कैसे-कैसे देशों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए जाना पड़ता है। अगले पांच साल में 75 हजार नई मेडिकल सीटें बढ़ाई जाएंगी। कोलकाता रेप-मर्डर पर उन्होंने कहा- ऐसे राक्षसों को फांसी पर लटकाया जाए। इससे पहले पीएम मोदी ने सुबह राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। 78वें स्वतंत्रता दिवस की थीम विकसित भारत है। इसके तहत स्वतंत्रता के 100वें साल 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है। 2047 विकसित भारत हमारी प्रतीक्षा कर रहा है। ये देश चलने के लिए प्रतिबद्ध है। मैं तीसरे टर्म में तीन गुना काम करूंगा। ताकि देश के सपनों को पूरा कर सकूं। मेरा हर पल देश के लिए है, मेरा कण-कण मां भारती के लिए है।

वन नेशन वन इलेक्शन के लिए सब आगे आएं

देश में बार-बार चुनाव प्रगति को रोक रहे हैं। हर योजना चुनाव के रंग से रंग दिया गया। सभी दलों ने अपने विचार रखें हैं। एक कमेटी ने रिपोर्ट बनाई। वन नेशन वन इलेक्शन सामने आया है। इस सपने को साकार करने के लिए सभी राजनीतिक दलों से साथ आने को कहता हूं।

राजनीति में फ्रेश ब्लड को लाना है

मैं हमेशा कहता हूं परिवारवाद, जातिवाद भारत के लोकतंत्र को बहुत नुकसान करता है। मैं देख रहा हूं सामने माय भारत दिख रहा है। ये एक मिशन है, हम देश में एक लाख नौजवानों को आगे लाना चाहते हैं, जिनके परिवार में कोई भी राजनीतिक बैकग्राउंड से न हो। ऐसे होनहार नौजवानों को फ्रेश ब्लड, इन्हें राजनीति में लाना है। इसी के चलते परिवारवाद से मुक्ति मिलेगी, वो किसी भी पार्टी में जाएं।

देश में सेक्युलर सिविल कोड हो, कम्युनल सिविल कोड में 75 साल बिताए

हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बात की है। मौजूदा सिविल कोड एक तरह से कम्यूनल सिविल कोड है। हमारे संविधान की भावना कहती है कि इस विषय पर देश में गंभीर चर्चा हो। जो कानून धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं। ऐसे कानूनी आधुनिक समाज नहीं बनाते। देश में सेक्युलर सिविल कोड होना चाहिए तब जाकर धर्म के आधार पर भेदभाव से मुक्ति मिलेगी।

लोकतंत्र की मजबूती में संविधान की भूमिका

हमारे संविधान को 75 साल हो रहे हैं। देश को लोकतंत्र की मजबूती देने में संविधान की भूमिका रही है। हम संविधान में लिखे कर्तव्य के भाव पर जोर देना चाहते हैं। ये कर्तव्य सरकार के, आमजन के सभी के हैं। अगर हम इस भाव के साथ चलेंगे तो आगे बढ़ेंगे।

बांग्लादेश में हालात जल्द सामान्य हों

बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ, पड़ोसी देश के नाते चिंता होना स्वाभाविक है। मैं आशा करता हूं वहां हालात जल्द सामान्य होंगे। वहां के हिंदुओं-अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। भारत हमेशा चाहता है पड़ोसी देश शांति के मार्ग पर चलें। हमारे संस्कार हैं, आने वाले दिनों में बांग्लादेश के विकास यात्रा में हमारा शुभ चिंतन रहेगा।

भ्रष्टाचार का महिमामंडन नहीं होना चाहिए

मैं भ्रष्टाचारियों से निपटकर रहूंगा। क्या कोई कल्पना कर सकता है कि मेरे देश में कुछ ऐसे लोग निकल रहे हैं, जो भ्रष्टाचार का महिमामंडन कर रहे हैं। समाज में इस प्रकार के बीज बोने का प्रयास हो रहा है, वो स्वस्थ समाज के लिए चुनौती है। भ्रष्टाचारियों से दूरी बनाना सही होता है, उसका महिमामंडन नहीं होना चाहिए।

बदनियत वालों को नेक नियत से जीतेंगे

राष्ट्र के सपनों को साकार करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। हम बदनियत वालों को नेक नियत से जीतेंगे। हमारा हर देशवासी भ्रष्टाचार की दीमक से परेशान रहा है। अन्याय के प्रति उसका गुस्सा राष्ट्र की प्रगति में रुकावट देता है। मैंने इसके लिए काम किया, मुझे अपनी प्रतिष्ठा भी चुकानी पड़े तो चुकाऊंगा।

चुनौतियों को चुनौती देना हिंदुस्तान की फितरत

चुनौतियां अंदर भी हैं, बाहर भी हैं, जैसे-जैसे हमारा सामर्थ्य बढ़ेगा, बाहर की चुनौतियां बढ़ेंगी। लेकिन मैं ऐसी शक्तियों से कहना चाहता हूं कि हम दुनिया को युद्ध में नहीं ले जाते। हम बुद्ध के देश हैं, युद्ध नहीं करते। मैं देशवासियों से कहना चाहता हूं कि चुनौतियों को चुनौती देना हिंदुस्तान की फितरत है।

मुठ्ठीभर स्वार्थी लोगों से सचेत रहना

कुछ लोग प्रगति देख नहीं सकते। भारत का भला नहीं सोचते। जब तक उनका भला न हो, वो सोचते नहीं। हमें ऐसे मुठ्ठीभर लोगों से सचेत रहना है। इनकी निराशावादी सोच से देश को काफी नुकसान होता है। उनकी गोद में विकृति पल रही है। ये विकृति विनाश के प्रयास में लगी है। देश को इसे समझना होगा। लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि, हमारी नेक नियत, ईमानदारी, समर्पण विपरीत मार्ग पर जाने वालों का दिल जीतकर देश को आगे बढाएंगे।

गरीबों, दलितों, आदिवासियों को साथ लेकर चलें

हमें सफलता तब मिलती है, जब पीछे वालों को आगे लाएं। हमारे छोटे-छोटे किसान, आदिवासी, कामगार, मजदूर, गरीबों को साथ लाना है। हमें उन्हें अपने बराबर लाना है। इसके लिए एक अवसर आ रहा है। हमें पता है 1857 स्वतंत्रता संग्राम से पहले एक आदिवासी बिरसा मुंडा थे, जिन्होंने अंग्रेजों से लोहा लिया। उनकी जयंती आ रही है, उनकी 150वीं जयंती पर समाज के प्रति मम्भाव बढ़ाए। गरीबों, दलितों, आदिवासियों को अपने साथ लेकर चलें।

2036 का ओलिंपिक भारत में हो, इसकी तैयारी कर रहे

आज हमारे साथ तिरंगे के नीचे वो नौजवान बैठे हैं, जिन्होंने ओलिंपिक की दुनिया में नया परचम लहराया है। हम देशवसियों की तरफ से उन्हें बधाई देता हूं। जी 20 का आयोजन कर हमने दिखाया कि भारत में बड़े से बड़े आयोजन कर सकता है। भारत चाहता है कि 2036 का ओलिंपिक भारत में हो, इसके लिए तैयारी कर रहे हैं।