जल्दी गर्मी पडने से गेहुं की फसल को अब तक कोई खतरा नहीं: डॉ पीके सिंह

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There is no threat to the wheat crop due to early heat: Dr. PK Singh
There is no threat to the wheat crop due to early heat: Dr. PK Singh

इशिका ठाकुर, करनाल 27 फरवरी:

तापमान परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए पांच राज्यों के अधिकारी करनाल में जंटे किया मंथन।

जलवायु परिवर्तन का गेहूं की फसल पर नहीं होगा कोई असर, केंद्र की हाई लेवल कमेटी ने खेतों में जाकर गेहूं की फसल का लिया जायजा , करनाल स्थित राष्ट्रीय गेहूं अनुसंधान संस्थान में 5 राज्यों के कृषि अधिकारियों की हुई बैठक, भारत सरकार के कृषि आयुक्त पीके सिंह ने इस बार 112 मिलियन टन गेहूं उत्पादन की जताई उम्मीद।

5 राज्यों के कृषि अधिकारियों की हुई बैठक

जलवायु परिवर्तन के बीच बढ़ते तापमान के चलते गेहूं की फसल पर इसका प्रभाव जानने और वर्तमान स्थिति पर विचार विमर्श करने के लिए केंद्र की हाई लेवल कमेटी ने करनाल में गेहूं की फसल का जायजा लिया। करनाल स्थित राष्ट्रीय गेहूं एवं अनुसंधान संस्थान में पंजाब, हरियाणा,उत्तर प्रदेश व राजस्थान सहित पांच राज्यों के कृषि अधिकारियों के प्रतिनिधि मंडल ने मीटिंग की। केंद्र सरकार ने उच्च तापमान के प्रभाव की निगरानी के लिए पिछले दिनों समिति का गठन किया था। बैठक की अध्यक्षता भारत सरकार के कृषि आयुक्त डॉ पी के सिंह ने की।

There is no threat to the wheat crop due to early heat: Dr. PK Singh
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मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि दिन का तापमान थोड़ा ज्यादा है लेकिन रात का तापमान अभी कम है इसलिए गेहूं की फसल पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि गेहूं की 75 फ़ीसदी बिजाई सही समय पर हुई है इसके अलावा हरियाणा और पंजाब में 50 फ़ीसदी ऐसी किस्मों की बिजाई की गई है जिन पर गर्मी का कोई असर नहीं होता। वैज्ञानिकों ने खेतों में जाकर गेहूं की फसल को भी देखा और पाया कि फिलहाल गेहूं की फसल पर जलवायु परिवर्तन का कोई असर नहीं है। कृषि आयुक्त ने उम्मीद जताई कि इस वर्ष गेहूं उत्पादन 4.1 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 112 मिलियन टन होने की संभावना है। डॉ सिंह ने कहा कि पिछले साल तापमान बढ़ गया था इसलिए गेहूं की फसल को थोड़ा नुकसान हुआ था लेकिन इस बार ऐसा नहीं है।

किसानों से मौसम के पूर्वानुमान पर ध्यान देने की कही बात : डॉ ज्ञानेंद्र सिंह

There is no threat to the wheat crop due to early heat: Dr. PK Singh
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न्यूनतम तापमान 15 डिग्री और अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस रहेगा तो गेहूं की फसल को कोई नुकसान नहीं होगा। अभी तक गेहूं की फसल बहुत अच्छी स्थिति में है और किसी बीमारी का प्रकोप भी नहीं है। गेहूं एवं जो अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि हम पिछले 10 साल से जलवायु परिवर्तन पर शोध कर रहे हैं और ऐसी अनेक किस्में तैयार की है जो अधिक गर्मी को सहन करने में सक्षम है। डॉ ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि फिर भी हमें जागरूक रहने की जरूरत है। उन्होंने किसानों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि किसान अपने खेतों में जरूरत के अनुसार नमी बनाए रखें। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर दवा का छिड़काव करें। उन्होंने किसानों से मौसम के पूर्वानुमान पर ध्यान देने की बात भी कही।

इस अवसर पर ये रहे मौजूद

इस अवसर पर अजय पाल सिंह यादव कृषि कमिश्नर भारत सरकार, डॉ ज्ञानेंद्र प्रताप डायरेक्टर डीडब्ल्यूआर आई, राजवीर सिंह पूर्व अधिकारी ईसीएसएसआरआई, राजेंद्र शर्मा पीआरओ, डीडब्ल्यूआर आई आदि मौजूद रहे।

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