राज्यसभा में कांग्रेसी सदस्य आनंद शर्मा ने देश की आर्थिक स्थति की चर्चा की और कहा कि जीडीपी की विकास दर कम हो रही है। उन्होंने कहा कि रोजगार घट रहे हैं, फैक्ट्रियां बंद हो रही हैं, भारत का किसान त्राहि त्राहि कर रहा है। अमीर और गरीब के बीच में खाई बढ़ती जा रही है। पिछले पांच वर्षों में देश की संपत्ति में एक फीसदी अमीरों की हिस्सेदारी 40 फीसदी से बढ़कर 60 फीसदी हो गई है। आज जो हालात हैं, वह केवल मंदी नहीं है। अर्थव्यवस्था गहरे आर्थिक संकट की तरफ बढ़ चली है। उन्होंने कहा कि निवेश में करीब सात फीसदी की गिरावट आई है। इसके जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को राज्यसभा में एक बार फिर कहा कि अर्थव्यवस्था में कोई मंदी नहीं है, उन्होंने मंदी की बात से इनकार करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती है, जिसकी वजह से विकास दर में कमी देखने को मिली है। यूपीए-2 (2009-2014) और एनडीए (2014-2019) के पहले कार्यकाल का हवाला देते हुए मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में महंगाई दर कम थी और विकास दर काफी तेजी से आगे बढ़ रही थी। वित्त मंत्री ने कहा कि 2009-14 में जहां 18950 करोड़ डॉलर का विदेशी निवेश हुआ था, वहीं 2014-19 के बीच यह बढ़कर के 28390 करोड़ डॉलर हो गया। विदेशी मुद्रा भंडार में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। 30420 करोड़ डॉलर से बढ़कर के 41260 करोड़ डॉलर हो गया था।
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